नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और पुडुचेरी से सोमवार को अपील की कि वे कोविड-19 टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए आक्रामक मुहिम शुरू करें और वयस्कों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करें.
मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और पुडुचेरी में टीकाकरण की गति अपेक्षाकृत धीमी है. स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में बताया कि मंडाविया ने दोहराया कि टीकाकरण कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने इन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेश से अपील की कि वे टीकाकरण के लिए पात्र लोगों को टीका लगवाने के लिए प्ररित करने के लिए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), धार्मिक संगठनों, धार्मिक नेताओं, समुदाय को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले लोगों और अन्य साझेदारों समेत सभी हितधारकों की मदद लें.
उन्होंने मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और पुडुचेरी के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों की डिजिटल बैठक में कहा, 'हम कोविड-19 टीकाकरण के अंतिम चरण में है. आइए, टीकाकरण की गति और व्यापकता बढ़ाकर आक्रामक मुहिम शुरू करें, ताकि पूर्ण कोविड-19 टीकाकरण सुनिश्चित हो सके.'
मंडाविया ने मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और पुडुचेरी में कोविड टीकाकरण की स्थिति और 'हर घर दस्तक' मुहिम की समीक्षा करने के लिए इस बैठक की अध्यक्षता की.
देश में टीकाकरण की स्थिति
बयान में बताया गया कि भारत में 82 प्रतिशत पात्र लोगों को टीके की पहली खुराक और 43 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक लगाई जा चुकी, जबकि पुडुचेरी (66 प्रतिशत लोगों की पहली खुराक और 39 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक), नागालैंड (49 प्रतिशत लोगों की पहली खुराक और 36 प्रतिशत को दूसरी खुराक), मेघालय (57 प्रतिशत को पहली खुराक और 38 प्रतिशत को दूसरी खुराक) और मणिपुर (54 प्रतिशत को पहली खुराक और 36 प्रतिशत को दूसरी खुराक) टीके की पहली और दूसरी खुराक देने के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे हैं.