नई दिल्ली :केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 से उबरने के बाद होनी वाली स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के उपचार के लिए दिशा निर्देश जारी किए है. जो कोरोना वायरस संक्रमण के दीर्घकालिक प्रभावों से निपटने के लिए देश के चिकित्सकों, नर्सों, पैराचिकित्सकों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता के निर्माण में मददगार होगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के दीर्घकालीन प्रभावों की समस्या से निपटने के उद्देश्य से चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यसेवा कर्मियों का मार्गदर्शन करने के लिए दिशा निर्देश तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपचार के लिए अग्रसक्रिय एवं समग्र उपचार की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं हो.
बयान में मंडाविया के हवाले से कहा गया, हमने स्टेरॉयड की अधिक खुराक के कारण रोगियों में कोविड-19 से उबरने के बाद म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) जैसे दुष्प्रभाव के मामले देखे हैं. ऐसी दवाइयां लेना महत्वपूर्ण है, जिनके कम या बहुत कम दुष्प्रभाव हों. यदि हम पहले से सतर्क हों, तो कोविड के भावी परिणामों से निपटने में मदद मिलेगी.
मंडाविया ने कहा, हमारे समाज में कोविड-19 से उबरने के बाद होने वाली समस्याओं जैसे भय उत्पन्न होना और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों से निपटना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि संक्रमण के बाद की जटिलताओं से निपटने के मकसद से मॉड्यूल तैयार करने के लिए देश भर के योग्य व्यक्तियों द्वारा प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये बहुत ही विशिष्ट मॉड्यूल हैं जो स्वास्थ्य पेशेवरों के विभिन्न क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं.