सागर। वैसे तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के एक से बढ़कर एक भक्त आपको मिल जाएंगे, जो राम नाम के सहारे अपनी जीवन की नैया पार लगाने दिन रात भगवान राम की भक्ति में लीन है, लेकिन बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में एक शख्स राम नाम का ऐसा दीवाना है कि उसने पिछले 25 सालों में 8 करोड़ बार राम नाम लिखकर भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की है. खास बात ये है कि राम नाम किसी कोरे कागज पर सीधे-सीधे नहीं बल्कि कलात्मक तरीके से लिखे हैं. जी हां हम बात कर रहे है बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के कुण्डेश्वर धाम ग्राम पंचायत के जमदार गांव के मोहनलाल बाबा की. जिन्होंने 25 साल पहले राम नाम लिखने का प्रण लिया और आज जब वह 65 साल के हैं, तो 8 करोड़ बार श्री राम नाम लिख चुके हैं. मोहनलाल बाबा की इच्छा है कि उनका नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो.
25 साल पहले लिया राम नाम का संकल्प:भगवान राम के प्रति समर्पण और भक्ति का जुनून जब सिर चढ़कर बोलता है, तो भक्त सुधबुध खोकर सिर्फ भगवान राम की भक्ति में लीन हो जाता है. ऐसा ही कुछ टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर धााम ग्राम पंचायत के जमदार गांव के रहने वाले मोहनलाल अहिरवार के साथ हुआ. दलित तबके से आने वाले मोहनलाल अहिरवार को वैसे तो लोग मोहनलाल बाबा के नाम से जानते हैं और इनकी पहचान अब भगवान राम हो गए हैं. दरअसल मोहन लाल बाबाा ने 25 साल पहले कुंडेश्वर धाम में भगवान शंकर के समक्ष प्रण लिया था कि वह सफेद कागज पर करोड़ों राम नाम का लेख कर अयोध्या के राम नाम बैंक में जमा कराएंगे. उन्होंने संकल्प लेकर भगवान राम का नाम लिखने का सिलसिला शुरू किया और तब से अनवरत उनका राम नाम का सफर जारी है. खास बात ये है कि वो कोरे कागज पर सीधे-सीधे नहीं बल्कि कलात्मक तरीके से भगवान राम का नाम लिखते हैं, जो देखने वाला देखता ही रह जाता है.
अब तक 8 करोड़ 75 हजार बार लिखा राम का नाम:जब भगवान शंकर के सामने संकल्प लेकर मोहन लाल बाबा ने राम नाम का सफर शुरू किया तो ना दिन देखा ना रात देखी. सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ एक ही काम किया, वो भगवान राम के लिए किया. 25 साल से लगातार राम नााम के सफर में मोहनलाल बाबा अब तक 8 करोड़ 75 हजार राम नाम का लेख कर चुके हैं. अक्सर अपने घर पर या कुंडेश्वर मंदिर में आकर वह भगवान राम का नाम कलात्मक तरीके से लिखते हैं, तो लोगों की भीड़ लग जाती है. मोहनलाल बाबा एक कोरे कागज पर 500 से 600 बार राम नाम का लेख कलात्मक तरीके से करते हैं. जब वह भगवान राम के नाम के लेख में तल्लीन होकर जुटे होते हैं, तो उनको देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं और उनकी कला और राम के प्रति भक्ति देखकर रह जाते हैं.