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Rajasthan : कोटा में अस्पताल के लिफ्ट में स्कूटी लेकर घुसा एडवोकेट, जानें फिर क्या हुआ - ETV Bharat Rajasthan News

राजस्थान के कोटा जिले में एक एडवोकेट स्कूटी लेकर अस्पताल की दूसरी मंजिल (Man took Scooty inside Hospital Lift) में चला गया. घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. एडवोकेट का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती बेटे के लिए व्हीलटचेयर की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसके बाद उसने ये कदम उठाया.

Man took Scooty to Hospital Lift
अस्पताल में स्कूटी के साथ अंदर घुसा व्यक्ति

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Published : Jun 15, 2023, 7:01 PM IST

अस्पताल में स्कूटी के साथ अंदर घुसा व्यक्ति

कोटा.राजस्थान के कोटा जिले के महाराव भीमसिंह अस्पताल में गुरुवार को अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है, जहां एक व्यक्ति अस्पताल में लिफ्ट के जरिए स्कूटी लेकर दूसरी मंजिल पर पहुंच गया. यहां उसने ऑर्थोपेडिक ओपीडी में पहले से मौजूद घायल बेटे का इलाज करवाया और प्लास्टर बंधवाया. बाद में स्कूटी को लिफ्ट से ही लेकर नीचे उतर गया.

वीडियो भी आया सामने :इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वकील मनोज जैन अपने बेटे को स्कूटी पर बैठा कर लिफ्ट में प्रवेश कर रहे हैं. साथ ही पैदल-पैदल उनकी पत्नी भी साथ चल रही हैं. इस पूरे मामले पर अस्पताल के स्टाफ ने आपत्ति जताई और हंगामा खड़ा किया. इस दौरान मरीज के परिजन और अस्पताल के स्टाफ में जमकर बहस हुई. मौके पर एमबीएस अस्पताल चौकी पुलिस भी पहुंची और मामले को शांत करवाया.

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चाबी छीनने पर हुआ हंगामा :एडवोकेट मनोज जैन का आरोप है कि उन्हें व्हीलचेयर नहीं मिली थी. इसके चलते वो बेटे को लेने के लिए स्कूटी से अंदर चले गए. उनका दावा है कि इसके लिए अस्पताल के किसी स्टाफ ने अनुमति भी दी थी. मनोज के मुताबिक अस्पताल के स्टाफ देवकीनंदन बंसल ने उनको रुकवाया था. साथ ही स्कूटी की चाबी निकाल ली. इस बात को लेकर उनके और स्टाफ में जमकर बहस हुई. सूचना मिलने पर एमबीएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. करनेश गोयल भी मौके पर पहुंचे थे.

एडवोकेट ने गलती की :हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने पहले मनोज की स्कूटी की चाबी दिलवाई, इसके बाद उनको जाने दिया. दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन इस पूरे मामले में इंक्वायरी करवा रहा है. देवकीनंदन बंसल का दावा है कि एडवोकेट मनोज जैन ने मामले में माफी मांग ली थी और सभी अधिकारियों ने भी चाबी देने के लिए कहा था, इसलिए चाबी वापस दे दी. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गोयल का कहना है कि एडवोकेट ने गलती की है. इस तरह से लिफ्ट में वाहन ले जाना गलत है.

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