हुबली: अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र हासिल कर रेलवे में नौकरी पाने का मामला 32 साल बाद सामने आया है. व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है. पता चला है कि आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने राज्य में अनुसूचित जाति (वाल्मीकि समुदाय) से फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त कर दक्षिण पश्चिम रेलवे में नौकरी हासिल की.
प्रकाशम जिले के गुड्डलूर तालुक के पोडिलकुंटपल्ले गांव के मंडला चक्रधारा वेंकटसुब्बैया पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है. वहीं, प्रमाणपत्र जारी होने और ठीक से जांच नहीं करने को लेकर संबंधिथ विभागों के अफसरों भी मुश्किल में घिर गए हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद अब बिना सत्यापन के प्रमाण पत्र जारी करने वाले तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और ग्राम लेखाकार के खिलाफ हुबली उपनगरीय पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.
आंध्र प्रदेश में वाल्मीकि समुदाय पिछड़ी श्रेणी में आता है. आरोप है कि दिसंबर 1991 में मंडला चक्रधर ने वाल्मीकि अनुसूचित समुदाय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया और उसे हुबली तहसीलदार के सामने प्रस्तुत किया. तत्कालीन तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और ग्राम लेखाकार ने दस्तावेजों की ठीक से जांच नहीं की, इसलिए ये स्थिति बनीं, अगर उन्होंने ठीक से जांच की होती तो शायद ये नौबत नहीं आती.
15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज :जांच में ये भी सामने आ रहा है कि आंध्र प्रदेश के मंडला ने अपने और अपने दो बच्चों के नाम पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और फर्जीवाड़ा किया. इस संबंध में एक और मामला दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले में तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, ग्राम लेखापाल समेत 15 लोगों के खिलाफ अलग-अलग कार्यकाल में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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