नई दिल्ली:भारत से पश्चिम एशिया में मानव तस्करी के एक और मामले में, पश्चिम बंगाल के एक गरीब किसान परिवार के 40 वर्षीय व्यक्ति को नौकरी दिलाने के बहाने एक अवैध भर्ती एजेंट सऊदी अरब ले गया और अब उसे उसके जैसे अन्य पीड़ितों के साथ रियाद में एक बंद कमरे में रखा जा रहा है (Bengal Man trap in Saudi Arabia).
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के गांधीना निवासी नफुरुद्दीन सेख के बेटे सफीदुल सेख को मार्च 2022 में एक अवैध भर्ती एजेंट द्वारा अच्छे वेतन के साथ नौकरी देने का वादा करके सऊदी अरब ले जाया गया. एजेंट ने 2 लाख रुपये लिए.
सऊदी अरब में उतरने पर सफीदुल को पता चला कि वहां कोई नौकरी उसका इंतजार नहीं कर रही थी और उसे और उसके जैसे अन्य पीड़ितों को लगभग तीन से चार महीने तक एक बंद कमरे में रखा गया. बाद में, ठेकेदार ने सईदुल और अन्य लोगों को बहुत कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया. हालांकि, वह काम भी कुछ महीनों तक चला. पीड़ितों को अब फिर से रियाद के एक बाजार में लॉकेट में रखा जा रहा है, जहां वे भुखमरी के करीब हैं.
असहाय परिवार अवैध भर्ती एजेंट नाजू मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस के पास गया. हालांकि, पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय परिवार को अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा.
आखिरकार, सोमवार को सफीदुल के पिता नफुरुद्दीन ने पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने अपने बेटे और परिवार की पिछले डेढ़ साल की आपबीती बताई. ज्ञापन में, नफुरुद्दीन ने अपने बेटे को रियाद से घर वापस लाने के लिए सरकार से मदद मांगी.
नफरूद्दीन ने ज्ञापन में कहा, 'कई महीनों तक हमारे क्षेत्र में कोई नौकरी नहीं होने के कारण हमें अपने दैनिक जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. यहां तक कि हम दिन में दो वक्त का भोजन भी नहीं जुटा पाते थे. हम अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असहाय थे. ऐसी स्थिति में मेरे पड़ोसी क्षेत्र (नंदलपुर) के मजदूर-दलाल चांद अली मंडल का पुत्र नाजू मंडल कई बार मेरे घर आया.
नफुरुद्दीन के अनुसार, नाजू मंडल ने परिवार को आश्वासन दिया कि वह सफीदुल को रियाद भेज सकता है और 'उच्चतम वेतन के साथ एक स्थायी नौकरी की व्यवस्था कर सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ कुल 2 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी.
ज्ञापन में नफरूद्दीन ने कहा, 'उस वादे के मुताबिक, मैंने और मेरे बेटे (सफीदुल शेख, 40) ने हमारी अचल संपत्ति का एक हिस्सा बेच दिया और उच्च ब्याज पर दूसरों से पैसे उधार लिए और दलाल नाजू मंडल को 2 लाख रुपये नकद सौंप दिए,'