होशियारपुर: पंजाब के होशियारपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया, जबकि उसके शरीर में हरकत देख परिजन उसे तुरंत पीजीआई ले गये, जहां व्यक्ति का इलाज किया गया और वह स्वस्थ हो गया. दरअसल, होशियारपुर के राम कॉलोनी कैंप स्थित गांव नंगल शहीद निवासी बहादुर सिंह को सांस लेने में तकलीफ हुई और तेज खांसी होने पर परिजन उसे आईवीवाई नामक निजी अस्पताल लेकर आए.
डॉक्टरों ने तीन से चार घंटे के इलाज के बाद बहादुर सिंह को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने परिजन को बिल जमा कर शव ले जाने को कहा. परिजन जब बहादुर सिंह को बाहर लाए तो उनके शरीर मे कुछ हरकत हुई, जिसके बाद परिजन उन्हे तुरंत पीजीआई ले गए. पीजीआई पहुंचने पर वहां मौजूद डॉक्टरों ने उनकी जांच की और कुछ देर बाद बहादुर सिंह को होश आ गया. परिवार ने अब आईवीवाई अस्पताल के बाहर स्थायी धरना दिया है और अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग कर रहा है.
हैरान करने वाली बात यह है कि अस्पताल द्वारा मृत घोषित व्यक्ति भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है. डॉक्टरों और इस निजी अस्पताल की लापरवाही के बारे में बताते हुए बहादुर सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर ने बताया कि उनके पति बहादुर सिंह को जब सामान्य खांसी हुई तो वे आइवीवाई निजी अस्पताल आए और वहां के डॉक्टरों ने उनके गले में सांस की नली लगा दी. उन्होंने पाइप डालकर मेरे पति को आईसीयू में भर्ती कर दिया.
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कुलविंदर कौर ने कहा कि 3 से 4 घंटे के बाद जब मैंने अपने पति से मिलने की जिद की तो वहां की नर्सों ने मेरे साथ बदसलूकी की और मुझे मिलने नहीं दिया, लेकिन जब मैंने दोबारा डॉक्टरों से मिलने को कहा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे पति की मौत हो गई है. बिल चुकाओ और लाश ले जाओ. इस संबंध में मौके पर पहुंचे एसएचओ मॉडल टाउन हरप्रीत ने बात करते हुए कहा कि पीड़िता के परिजनों द्वारा अस्पताल के खिलाफ तहरीर दी गई है और 2 दिन के अंदर जांच कर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.