नई दिल्ली : हर साल की तरह इस साल भी सावन महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. हरिद्वार के लिए यह यात्रा 26 जुलाई तक चलेगी. झारखंड के देवघर में यह यात्रा सावन के पूरे महीने चलती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान शिव के भक्त उन्हें जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इस दौरान भक्तजन अपने कंधे पर कांवड़ लेकर चलते हैं. पवित्र नदियों से जल लेकर वे अपनी कांवड़ यात्रा की शुरुआत करते हैं. लेकिन यह कांवड़ देखकर तो हर कोई हैरान रह गया. इसमें जल के साथ-साथ अपने माता-पिता को भी बिठा रखा है.
यह देखकर अचानक ही श्रवण कुमार की वो कहानी याद आ जाती है, जब वो अपने अंधे मां-बाप को तीर्थ कराने के लिए उन्हें कांवड़ में बिठाकर निकल पड़े थे. आज की इस भागती-दौड़ती जिंदगी में जब रिश्ते तार-तार हो रहे हैं, यह तस्वीर बहुत कुछ बयां करती है. यह अपने आप में बहुत बड़ा संदेश देता है.