कोलकाता : केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (सेंट्रल डेपुटेशन) पर वापस बुलाया है. इसके एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि यह निर्णय केंद्र के राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है.
बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र वापस लेने और खासकर बंगाल में चल रहे कोविड संकट और चक्रवात के बाद की स्थिति के मद्देनजर बंदोपाध्याय को राज्य के लिए काम करना जारी रखने की अनुमति देने का भी आग्रह किया.
पीएम से किया आग्रह
बनर्जी ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'उनकी (अलपन बंदोपाध्याय) क्या गलती है? मुख्य सचिव होने के नाते, मेरी सहायता करना उनका कर्तव्य है. उन्हें मेरे खिलाफ बहुत सारी शिकायतें हो सकती हैं और वे अलग-अलग तरीकों से मेरा अपमान कर रहे हैं. मैंने इसे स्वीकार कर लिया है, लेकिन उन्हें (बंदोपाध्याय) क्यों पीड़ित किया जा रहा है? वह ईमानदार हैं और चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री से पत्र वापस लेने और उन्हें काम करने की अनुमति देने का आग्रह करती हूं.'
'केंद्र बदले की भावना से प्रतिक्रिया कर रहा'
मुख्यमंत्री शुक्रवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक की घटना का जिक्र कर रहीं थीं और इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बदले की भावना से प्रतिक्रिया कर रही है. प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान और बाद की घटनाओं का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा, मुझे गुरुवार की देर शाम प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के बारे में पता चला, लेकिन उस समय तक मैंने अपना कार्यक्रम तय कर लिया था. फिर भी जब प्रधानमंत्री आ रहे थे, उनसे मिलना मेरा शिष्टाचार था और इसलिए मैंने प्रधानमंत्री से कुछ समय मांगा और मुझे अनुमति दी गई.
'मुझे 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा'
बनर्जी ने कहा, मुझे कलाईकुंडा पहुंचने के लिए अपना कार्यक्रम छोटा करना पड़ा, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण मुझे 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. फिर हमें बताया गया कि समीक्षा बैठक शुरू हो गई है और मुझे एक घंटे तक इंतजार करना होगा, लेकिन हमने उनसे अनुरोध किया कि हमें केवल एक मिनट का समय दें, ताकि हम अपना अनुमानित नुकसान (चक्रवात के कारण) प्रधानमंत्री को सौंप सकें, लेकिन वे अनिच्छुक थे, इसलिए मैंने बैठक कक्ष में प्रवेश किया और अनुमान प्रस्तुत किया.