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IAS Cadre Rules 1954 : ममता ने पीएम को लिखा दूसरा पत्र, संशोधन पर आगे नहीं बढ़ने की अपील

कार्मिक मंत्रालय ने मौजूदा सेवा नियमों में बदलाव का फैसला (Personnel Ministry existing service rules amendment) किया है ताकि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की उपलब्धता रहे. इस पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. ममता ने अपील की है कि केंद्र सरकार आईएएस कैडर रूल, 1954 में संशोधन (amendment to IAS Cadre Rules 1954) पर आगे न बढ़े. ममता बनर्जी ने 13 जनवरी को भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी.

WB CM Mamata Banerjee
ममता बनर्जी

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Published : Jan 20, 2022, 6:17 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईएएस (कैडर) नियमावली, 1954 में प्रस्तावित संशोधन को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि इससे अधिकारियों में 'भय का माहौल' पैदा होगा एवं उनका कार्यनिष्पादन प्रभावित होगा. आठ दिनों में इस विषय पर दूसरी बार मोदी को लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि संशोधन से संघीय तानाबाना एवं संविधान का मूलभूत ढांचा 'नष्ट' हो जाएगा.

गौरतलब है कि कार्मिक मंत्रालय ने मौजूदा सेवा नियमों में बदलाव का फैसला गत 18 जनवरी को किया था. इस फैसले का मकसद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की उपलब्धता रहे. केंद्र को अधिक प्रतिनिधित्व देने वाला यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब मंत्रालय द्वारा अनेक बार इस विषय को उठाये जाने के बाद भी अनेक राज्य/संयुक्त कैडर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत पर्याप्त संख्या में आईएएस अधिकारियों को भेजते नहीं दिखे.

कार्मिक मंत्रालय ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव वाले प्रस्ताव में कहा, 'इसके परिणामस्वरूप केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध अधिकारियों की संख्या केंद्र में जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.'

इस कदम की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (WB CM Mamata Banerjee) ने कड़ी आलोचना की है. जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया और दावा किया कि इससे राज्यों के प्रशासन पर असर पड़ेगा.

बनर्जी ने मंगलवार शाम को मोदी को लिखे पत्र में कहा, 'मैं कैडर नियमों में इस तरह के संशोधन का प्रस्ताव करने में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर अपना कड़ा विरोध व्यक्त करती हूं, जो एकतरफा रूप से राज्य सरकार के लिये प्रतिनियुक्ति के वास्ते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत निर्धारित संख्या में अधिकारियों को उपलब्ध कराना अनिवार्य करता है.'

नियमों में बदलाव के लिए केंद्र ने प्रस्ताव दिया है कि प्रत्येक राज्य सरकार मौजूदा नियमों के तहत निर्धारित केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व की सीमा तक विभिन्न स्तरों के पात्र अधिकारियों को केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराएगी.

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नये नियम संबंधी प्रस्ताव के अनुसार केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति में भेजे जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श से तय करेगी. इसमें कहा गया है कि किसी तरह की असहमति की स्थिति में निर्णय केंद्र सरकार करेगी और संबंधित राज्य सरकारें निश्चित समय में केंद्र सरकार के निर्णय को लागू करेंगी. मौजूदा नियमों में इस तरह की असहमतियों की स्थिति में फैसले के लिए कोई समयसीमा का उल्लेख नहीं है.

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नियमों में बदलाव का प्रस्ताव 20 दिसंबर, 2021 को सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को भेजा गया था. उन्हें पांच जनवरी, 2022 तक अपनी टिप्पणी देने को कहा गया. केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए और अधिक अधिकारियों को भेजने को कहा था.

(पीटीआई-भाषा)

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