नई दिल्ली :मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा है कि वे कोई राजनीतिक ज्योतिषी नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि 2024 के लोक सभा चुनाव (Mamata 2024 Elections) 'मोदी बनाम देश' (Modi vs Country) होंगे. ममता ने कहा कि नरेंद्र मोदी 2019 में लोकप्रिय थे. कोरोना महामारी के संदर्भ में ममता ने कहा कि आज उन्होंने शवों का रिकॉर्ड नहीं रखा है, अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया गया और शवों को गंगा नदी में फेंक दिया गया. जिन्होंने अपनों को खोया वे भूलेंगे नहीं और माफ करेंगे.
पेगासस जासूसी प्रकरण पर ममता (Mamata Pegasus Snooping) ने कहा, 'मेरा फोन पहले ही टैप हो चुका है. अगर अभिषेक (मुखर्जी) का फोन टैप हो जाता है, और मैं उससे बात कर रहr हूं, तो मेरा फोन भी अपने आप टैप हो जाता है. पेगासस ने सभी की जान खतरे में डाल दी है.'
मंगलवार को ही दिल्ली दौरे पर पहुंचीं ममता (Mamata Delhi Visit) ने कहा कि आज मेरी सोनिया जी और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई.
कौन होगा विपक्ष का चेहरा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर बुधवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा. नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मैं बिल्ली के गले में घंटी बांधने में सभी विपक्षी दलों की सहायता करना चाहती हूं. मैं नेता नहीं, बल्कि आम कार्यकर्ता बनना चाहती हूं.'
बनर्जी से जब पूछा गया कि क्या वह विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं कोई राजनीतिक भविष्यवक्ता नहीं हूं. यह परिस्थिति, सरंचना पर निर्भर करता है. अगर कोई और नेतृत्व करता है तो मुझे कोई समस्या नहीं. जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी तब हम निर्णय ले सकते है. मैं अपना निर्णय किसी पर थोप नहीं सकती.'
जीडीपी का मतलब- गैस, डीजल, पेट्रोल
ममता बनर्जी ने पत्रकारों से बात करने के दौरान महंगाई को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए जीडीपी का मतलब है- गैस, डीजल, पेट्रोल.
ममता ने कहा कि भाजपा फेक न्यूज कैंपेन चलाती है, पैसे और बाहुबल का इस्तेमाल करती है. इस देश की जनता इन्हें सत्ता से बेदखल करेगी.
कोविड समाप्त होने पर उतरेंगे सड़कों पर
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के कारण बड़े पैमाने पर आंदोलन और विरोध नहीं किया. हम विरोध करते हैं लेकिन फिलहाल इसकी सीमाएं हैं. बकौल ममता, कोविड की स्थिति समाप्त होते ही विपक्ष निश्चित रूप से सड़कों पर उतरेगा और विरोध करेगा.
सीपीएम आपस में ही लड़ती है
सीपीआईएम के रवैये को लेकर ममता ने कहा कि सीपीआईएम को तय करना चाहिए कि उनका पहला दुश्मन कौन है- बीजेपी या टीएमसी. उन्होंने कहा, उनके (सीपीआईएम) के साथ समस्या यह है कि वे अपनी पार्टी के भीतर ही लड़ते रहते हैं.
बता दें कि इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी कह चुके हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विरोध करने वाली कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के व्यापक गठबंधन का प्रयास करना चाहिए.
बकौल पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी आम चुनावों में प्रमुख भाजपा विरोधी ताकत होंगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. ममता बनर्जी नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में प्रभावशाली मंत्री चटर्जी ने कहा कि टीएमसी एक पीढ़ीगत बदलाव के दौर से गुजर रही है, इसलिए इसमें वरिष्ठों और युवाओं का सही संतुलन हो सकता है.
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ममता सबसे भरोसेमंद चेहरा- पार्थ
उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी देश में सबसे भरोसेमंद, भाजपा विरोधी चेहरा हैं. मेरी यह अपील है कि सभी भाजपा विरोधी ताकतों को एक साथ आना चाहिए. वाम और कांग्रेस जैसी कुछ पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विरोध कर रही हैं लेकिन बंगाल में हमारे खिलाफ काम कर रही हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.' चटर्जी ने एक साक्षात्कार में कहा था, 'ममता बनर्जी और टीएमसी 2024 में भाजपा विरोधी प्रमुख ताकत होंगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.'
यह भी दिलचस्प है कि चुनावी अखाड़ों में ममता और केंद्रीय नेताओं के बीच इससे पहले भी कई मौकों पर जुबानी जंग हो चुकी है. ममता ने विगत 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर तेज हुई सरगर्मियों के बीच कहा था कि बंगाल दिल्ली के दो गुंडों के हाथों में नहीं जाएगा.
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उन्होंने दक्षिण दिनाजपुर में चुनावी रैली में जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'आपको यह देखना होगा कि बंगाल, बंगाल में ही रहे. गुजरात भी बंगाल पर कब्जा करने में सक्षम नहीं होना चाहिए. बंगाल दिल्ली के हाथों में नहीं होना चाहिए. हम बंगाल को दिल्ली के हाथों में नहीं छोड़ेंगे.'
दिसंबर, 2020 में ममता ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा पर हमला बोला था. उन्होंने भाजपा नेताओं के दौरे को लेकर टिप्पणी की थी. ममता ने कहा था कि बंगाल में आते रहते हैं, चड्डा, नड्डा, फड्डा, भड्डा...
सितंबर, 2020 में ममता ने संसद से निलंबित किए गए सांसदों के प्रकरण में भी पीएम मोदी की सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने राज्यसभा में हंगामे को लेकर आठ सांसदों को निलंबित किए जाने के फैसले के बाद ट्वीट कर कहा था, 'किसानों के हित के लिए लड़ने वाले आठ सांसदों को निलंबित किया जाना दुखद है और यह इस सरकार की निरंकुश मानसिकता को दर्शाता है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं नियमों में विश्वास नहीं रखती. हम झुकेंगे नहीं और इस फासीवादी सरकार से संसद और सड़क दोनों जगह लडेंगे.'
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एक अन्य मौके पर अप्रैल, 2019 में भी ममता ने हिटलर और पीएम मोदी की तुलना की थी. उन्होंने रायगंज की चुनावी रैली में कहा था कि एडोल्फ हिटलर जिंदा होता, तो मोदी की गतिविधियों को देखकर खुदकुशी कर लेता.
ममता के आक्रामक लहजे को लेकर पीएम मोदी ने बंगाल की ही एक चुनावी रैली में सवाल खड़े किए थे. पीएम मोदी ने शास्त्रों का जिक्र करते हुए कहा कि जब कोई असफलता में, डर में, खीझ में गुस्सा करता है, तो उससे उसका मोह विचलन और ज्यादा बढ़ जाता है. फिर उसे कन्फ्यूजन होता है, फिर कन्फ्यूजन में लगातार गलती करता जाता है, बुरा करता जाता है, बुरा सोचने लग जाता है, और अपना ही सबकुछ गंवा देता है. इस गुस्से में मुझे भी क्या-क्या कहा जा रहा है, कभी रावण, कभी दानव, कभी दैत्य, कभी गुंडा. मोदी ने पूछा- दीदी इतना गुस्सा क्यों ?