कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बयानबाजी का दौर थमा भी नहीं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को लेकर फिर से तलवारें खिंच गईं हैं. हिंसा की जांच करने वाले एनएचआरसी की समिति ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य में कानून का राज नहीं है. यहां पर कानून के शासन की जगह शासक के शासन का प्रदर्शन हो रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रिपोर्ट के लीक होने पर भड़क गईं हैं.
एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की है. हाईकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर एनएचआरसी अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने यह भी कहा कि इन मामलों में मुकदमे राज्य से बाहर चलने चाहिए.
एनएचआरसी की समिति ने अपनी बेहद तल्ख टिप्पणी में कहा, 'सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों द्वारा यह हिंसा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों को सबक सिखाने के लिए की गई.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक घटनाओं का विश्लेषण पीड़ितों की पीड़ा के प्रति राज्य सरकार की भयावह निष्ठुरता को दर्शाता है. 13 जून को रिपोर्ट सौंपी गई थी.
हाईकोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में लोगों पर हमले किए गए, जिसकी वजह से उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया.
रिपोर्ट लीक होने पर भड़कीं ममता