कोलकाता: संसद में 'आप' के साथ गठबंधन करने पर कांग्रेस अभी भी फैसला नहीं ले पाई है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपना पूरा जोर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर लगाया है. दरअसल केंद्र ने प्रशासनिक सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया है, जिसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. ऐसे में अब उन्होंने सभी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से सामूहिक रूप से अध्यादेश का विरोध करने की अपील की है.
केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा, 'सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही देश को बचा सकता है. शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद अध्यादेश लाना एक निर्वाचित सरकार की अनदेखी करने की केंद्र की कोशिश को दर्शाता है. मैं सभी पार्टियों से एक साथ विरोध करने की अपील करूंगी.'
उन्होंने कहा कि 'यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ एक मजबूत संदेश हो सकता है. हमारी पार्टी इस अध्यादेश का विरोध करेगी और हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय की मांग करेंगे.'
इसी तर्ज पर बोलते हुए, केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को न्याय दिया है जो पिछले आठ साल से लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार की यह प्रवृत्ति रही है कि वह चुनी हुई सरकारों को भाजपा का समर्थन न करने पर कुचल देती है. पंजाब सरकार को अपना बजट सत्र आयोजित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा और कई गैर भाजपा दलों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यह मेरी नहीं सभी गैर भाजपा सरकारों की लड़ाई है.'
सिसोदिया मुद्दे पर की आलोचना: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुद्दे पर केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसियों की आलोचना करते हुए कहा कि एक पूर्व उपमुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह एक आरोपी हैं जो दोषी साबित नहीं हुए हैं.
केजरीवाल के सुर में सुर मिलाते हुए बनर्जी ने कहा कि जिस तरह से सीबीआई ने पार्टी नेता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को एक दिन का नोटिस दिया, ऐसा लगता है कि वे उनके नौकर हैं.
उन्होंने कहा कि 'किसी के अहंकार की एक सीमा होती है. हमें डर है कि भाजपा अपनी पार्टी के नाम पर देश का नाम बदलने या संविधान को बदलने के लिए भी नीचे जा सकती है. अगर हम आज कार्रवाई नहीं करते हैं, तो जनता हमें नहीं बख्शेगी. क्या यह सरकार बुलडोजर से चलेगी? वे (भाजपा) सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी सम्मान नहीं करते हैं.'