Malegaon Bomb Blast Case: सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर देर से पहुंची विशेष एनआईए कोर्ट, कुछ आरोपी रहे नदारद
मुंबई में विशेष एनआईए कोर्ट ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सोमवार को नियमित सुनवाई निर्धारित कर दी. इस मामले में प्रथम आरोपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से पहुंचीं, वहीं कुछ अन्य आरोपी नदारद रहे. कोर्ट ने धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराने के संबंध में सुनवाई 3 अक्टूबर के लिए टाल दी है.
मुंबई: महाराष्ट्र में विशेष एनआईए कोर्ट ने साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सोमवार को नियमित सुनवाई निर्धारित की. लेकिन सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर देर से कोर्ट में पहुंचीं, जबकि कुछ आरोपी नदारद रहे. इसलिए, जस्टिस एके लाहोटी ने निर्देश दिया कि धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराने के संबंध में सुनवाई 3 अक्टूबर को की जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्री-दैनिक सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी.
साल 2008 में मालेगांव में बम धमाका हुआ था. इसमें सात लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. उस मामले में गवाहों से पूछताछ पूरी हो चुकी है. अब मुंबई ब्लास्ट मामले के लिए गठित विशेष एनआईए अदालत ने सभी आरोपियों को 25 सितंबर को पेश होने का निर्देश दिया था. लेकिन सोमवार को आरोपी समय पर उपस्थित नहीं हुए. इनमें से आरोपी नंबर एक प्रज्ञा सिंह ठाकुर देर रात यानी करीब दो बजे कोर्ट में पेश हुईं.
परिणामस्वरूप, अदालत ने उनसे देरी का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें देरी हुई. उन्होंने बीमारी को देखते हुए अदालत से उचित तारीख देने का अनुरोध किया है. विशेष न्यायाधीश लाहोटी ने उन आरोपियों के बारे में भी पूछताछ की जो उपस्थित नहीं थे. हालांकि आरोपी सुधाकर द्विवेदी व अन्य आरोपी उपस्थित नहीं हुए. कोर्ट ने उनके वकीलों को सख्त निर्देश दिया कि सभी आरोपियों को 3 अक्टूबर को पेश किया जाए.
उस दिन से नियमित सुनवाई शुरू हो जायेगी. चूंकि सभी आरोपी सोमवार को उपस्थित नहीं थे, इसलिए अदालत ने अनुच्छेद 313 के तहत आरोपियों के बयान और आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की. कोर्ट ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि 3 अक्टूबर से नियमित तौर पर सुनवाई शुरू होगी, जब जवाब दर्ज करने की प्रक्रिया होगी. मालेगांव ब्लास्ट मामले में 300 से ज्यादा गवाहों की गवाही हो चुकी है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से हालिया सुनवाई में स्पष्ट किया गया कि हम अब इन गवाहों की गवाही की जांच बंद कर रहे हैं. अब उस संबंध में विशेष अदालत ने आज सभी आरोपियों को 3 अक्टूबर 2023 को पेश होने का निर्देश दिया है. विशेष अदालत के न्यायाधीश एके लाहोटी की अदालत में सुनवाई होगी.