तिरुवनंतपुरम :एक महिला के द्वाराअपने पति के खिलाफ यौन शोषण की शिकार लड़की को उसके विरोध के बाद भी मलयिंकीझू पुलिस (Malayinkeezhu police) द्वारा आरोपी के पास ही भेज दिए जाने का आरोप लगाया गया है. इस संबंध में महिला ने पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. महिला ने कहा है कि शादी के दूसरे दिन से ही उसके दूसरे पति द्वारा बच्चे का यौन शोषण शुरू करने के बाद पुलिस से संपर्क किया था. महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि जब उसने अपने पति को बच्चे को गाली देने से रोकने की कोशिश की तो उसने उसका मोबाइल फोन छीन कर एक कमरे में बंद कर दिया. इतना ही नहीं फिर उसने अपनी पत्नी के खिलाफ एक झूठी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने अपने बेटे का अपहरण करने की कोशिश की, जो उसकी पहली पत्नी से पैदा हुआ था.
महिला के मुताबिक आरोपी व्यक्ति भारतीय वायु सेना के लिए काम करता है, इस वजह से पुलिस उसके द्वारा दी गई शिकायत की जांच के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन जब पुलिस आरोपी द्वारा दी गई शिकायत के बारे में जांच करने के लिए उसके घर आई तो महिला ने पुलिस को अपनी बेटी के यौन उत्पीड़न के बारे में जानकारी दी. महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी बात नहीं सुनी और बच्चे और मां दोनों को आरोपी के भरोसे ही छोड़ दिया.
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने जुलाई 2021 में आरोपी व्यक्ति से शादी की और 1 सितंबर को उसने शिकायत के साथ मलयिंकीज़ू पुलिस से संपर्क किया. इसी क्रम में उस समय एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बच्चे का बयान दर्ज किया था और एक मेडिकल जांच में भी पुष्टि हुई है कि बच्चे का यौन शोषण किया गया था. फिर भी पुलिस ने बच्चे को पुनर्वास केंद्र भेजने की जगह आरोपी के घर दोबारा भेज दिया.
इस पर महिला का आरोपी से साथ झगड़ा हो गया. महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी ने खुद को घायल करने के बाद दोष उस पर मढ़ दिया. इसके बाद उसने खुद को मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया और अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर पीड़िता के बच्चे को फिर से आरोपी के पास भेज दिया और महिला को न्यायिक हिरासत में भेज दिए जाने पर उसे वहीं रहने दिया.