नई दिल्ली :यह प्रतिक्रिया किसानों को हटाने की मांग वाली एक याचिका पर आई है क्योंकि इससे एनसीआर क्षेत्रों में लाेगाें काे आने-जाने में परेशानी हो रही है. पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि सार्वजनिक सड़कों को आवागमन के लिए मुक्त होना चाहिए और कहा था कि समाधान सरकार के पास है और उन्हें कुछ करना चाहिए.
हरियाणा ने शीर्ष अदालत को सूचित किया है कि उसने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 10 सितंबर, 2021 को एक आभासी बैठक बुलाई, जिसमें हरियाणा, यूपी और एनसीटी दिल्ली के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया.
जिला प्रशासन ने 14 सितंबर को किसानों के साथ बैठक भी की थी और नाकेबंदी के मुद्दे पर अदालत के रुख के बारे में बताया गया था. इसने अदालत को यह भी बताया कि पूर्व में भी जिला प्रशासन ने किसानों को ट्रैक्टर ट्रॉली और झोपड़ियों आदि सहित अपने वाहनों को इस तरह से प्रबंधित करने के लिए प्रयास किए हैं ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग / अंतर राज्य को अवरुद्ध न किया जा सके.
हलफनामे में कहा गया है कि किसान समूहों के प्रतिनिधियों ने अन्य सदस्यों के साथ चर्चा करने का आश्वासन दिया और जिला प्रशासन और राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की. लेकिन किसान चर्चा के लिए आगे नहीं आए.
नाकेबंदी हटाने की मांग वाली याचिका को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था लेकिन सुनवाई नहीं सकी. आगे की सुनवाई 29 या 30 सितंबर को होने की संभावना है.
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