नई दिल्ली:डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने भारत में स्वास्थ्य अधिकारियों से दवाओं और ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग पर जोर देने की अपील की. उन्होंने कहा कि जीवनरक्षक दवाएं और उपकरण उन्हें ही उपलब्ध कराएं जिन्हें इनकी ज्यादा जरूरत है.
डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना के मामले हाल ही में तेजी से बढ़े हैं, ऐसे में स्वास्थ्य प्रणाली पर खासा दबाव है. उन्होंने कहा कि 'हमें तेज गति के साथ काम करने, अस्पताल की क्षमताओं का विस्तार करने और मेडिकल सप्लाई से लैस होने की जरूरत है.'
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और अस्पताल की क्षमता में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जानकारी दी गई कि भारत में भारी मांग को पूरा करने के लिए डब्ल्यूएचओ 12 लाख अभिकर्मकों सहित प्रयोगशाला की आपूर्ति कर रहा है.
'4000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की हो रही व्यवस्था'
डॉ. सिंह ने कहा कि अस्पतालों में बिस्तर और महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. डब्ल्यूएचओ 20-30 बेड की क्षमता वाले मोबाइल अस्पतालों की खरीद कर रहा है, जिन्हें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित किया जा सकता है. जरूरत हो तो संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण प्रोटोकॉल को प्रभावित किए बिना इन क्षेत्र के अस्पतालों में बिस्तर की क्षमता को अधिकतम 50 तक बढ़ाया जा सकता है.