हल्द्वानी:हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आ जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना के साथ-साथ गंगा स्नान, दान का विशेष महत्व है. शुक्रवार यानी (14 जनवरी) मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास (काला माह) की समाप्ति भी होगी. जिसके बाद सभी तरह के शुभ कार्य के साथ-साथ मांगलिक कार्य की शुरुआत होगी.
मकर संक्रांति पर्व को लेकर इस बार लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कुछ पंचांग के अनुसार 14 जनवरी तो कुछ के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति की तिथि मानी जा रही है. ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति का मुहूर्त 14 जनवरी को सुबह 7:15 बजे से शुरू होगा जो शाम 5:45 तक रहेगा.ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे तो उसी दिन पूर्ण काल रहेगा. इसलिए मकर संक्रांति के लिए स्नान दान का विशेष महत्व 14 जनवरी को है.
ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान दान कर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन हरि भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक से असुरों का संहार किया था. भगवान विष्णु की जीत मकर संक्रांति के रूप में मनाई जाती है. मकर संक्रांति के दिन स्नान दान और ध्यान के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्य दक्षिणायन में रहने के बाद उत्तरायण की ओर जाते हैं. इसलिए इस पर्व के बाद सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.