चंडीगढ़: लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा बीजेपी में बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी हाईकमान ने मौजूदा हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को राष्ट्रीय सचिव बनाया है, उनकी जगह कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी को हरियाणा बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. तत्काल प्रभाव से ये नियुक्ति जारी की गई हैं. माना जा रहा है कि ओपी धनखड़ सरकार और संगठन के बीच तालमेल बैठाने में कामयाब नहीं हो पाए.
बता दें कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर बीजेपी संगठन की तरफ से तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. माना जा रहा है कि उसकी वजह से भी ओपी धनखड़ को अध्यक्ष पद से हटाया गया है. उनकी जगह कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी को हरियाणा बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. दूसरी वजह ये भी बताई जा रही है कि केंद्रीय नेतृत्व का फोकस ओबीसी समाज के लोगों पर ज्यादा है. जिस वजह से ये बदलाव हुआ.
कौन हैं नायब सैनी: बता दें कि नायब सैनी कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद हैं. वो पहले नारायणगढ़ से विधायक रह चुके हैं. पिछली बीजेपी सरकार में वो राज्यमंत्री रह चुके हैं. अभी वो सांसद के साथ संगठन में बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. नायब सैनी की ओबीसी समाज में अच्छी पकड़ मानी जाती है. उनकी गिनती जमीन से जुड़े नेताओं के तौर पर होती है.
कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी बने हरियाणा बीजेपी के नए अध्यक्ष
कौन हैं ओपी धनखड़? ओम प्रकाश धनखड़ मनोहर लाल की पिछली सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं. साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में ओपी धनखड़ हार गए थे. जिसके बाद उन्हें हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष बना दिया गया था. माना जाता है कि कि ओपी धनखड़ पीएम मोदी के करीबी हैं. वो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी आयरन कलेक्शन कॉरपोरेशन के नेशनल कोआर्डिनेटर रह चुके हैं. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट था.
ओपी धनखड़ को राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी
ओपी धनखड़ हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं. 18 साल तक वो संघ से जुड़े रहे. साल 1980 से 1996 के बीच वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. इसके बाद वो बीजेपी संगठन में अलग-अलग पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे. साल 2014 में पार्टी ने उन्हें रोहतक सीट से लोकसभा का टिकट दिया, लेकिन वो चुनाव हार गए थे. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में वो बीजेपी की टिकट पर बादली सीट से विधायक बने. जिसके बाद उन्होंने कृषि मंत्री के तौर पर काम किया.
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क्या है बीजेपी संगठन में फेरबदल की वजह? सीएम मनोहर लाल जब संगठन मंत्री थे, तो उस वक्त नायब सैनी उनके सहयोगी हुआ करते थे. माना जा रहा है कि बीजेपी का फोकस ओबीसी वोट बैंक पर है. इसलिए ये फेरबदल किया है.