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ये हैं देश के 10 सबसे चर्चित साइको किलर्स, नाम सुनते ही दहशत में आ जाते थे लोग - सुरेंद्र कोली व मनिंदर सिंह पंढेर

हमारे देश में कई साइको किलर्स हैं, जो अभी भी जिंदा है. कुछ को फांसी दी जा चुकी है तो कई की जेल में सजा काटते काटते मौत हो चुकी है...तो आइए जानते हैं Top 10 Psycho Killers in India के बारे में

Top 10 Psycho Killers in India Top 10 Psycho Killers in India
देश के 10 सबसे चर्चित साइको किलर्स (डिजाइन फोटो)

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Published : Sep 14, 2022, 5:11 PM IST

Updated : Sep 15, 2022, 6:33 AM IST

नई दिल्ली :देश में जब भी साइको किलर्स की चर्चा होती है तो कई घटनाएं अनायास मन में घूमने लगती हैं. देश में कई दिल दहलाने वाली घटनाओं को इन साइको किलर्स ने अंजाम दिया है. इनमें से कई ने तो दो तीन नहीं बल्कि दर्जनों को मौत के घाट उतार दिया है या अपना शिकार बनाया है. बिहार के बेगूसराय में एक साइको किलर्स के द्वारा 11 लोगों को गोली मारने की घटना से एक बार फिर से साइको किलर्स चर्चा में हैं. बिहार के बाइक सवार किलर्स ने 30 किमी तक फायरिंग करके कई लोगों की जान लेने की कोशिश की है. हांलाकि वह अभी तक पकड़ा नहीं गया है, लेकिन इस घटना के बाद से बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है.

देश के 10 सबसे चर्चित साइको किलर्स (डिजाइन फोटो)

क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में कई साइको किलर्स हैं, जिन्होंने इस तरह की वहशीपन वाली हरकतें (Major Incidents by Psycho Killers) की हैं. इनमें से कई को फांसी दी जा चुकी है तो कई की जेल में सजा काटते काटते मौत हो चुकी है. आज यह जानने की कोशिश करते हैं कि ऐसे चर्चित साइको किलर्स कौन-कौन से (Top 10 Psycho Killers in India) रहे हैं...

मुंबई का रमन राघव

1. मुंबई का रमन राघव
रमन राघव इतने 1966 से 1968 के बीच कुल 41 लोगों की हत्याएं की थी. मुंबई के इस साइको किलर पर एक फिल्म भी बन चुकी है. फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप ने इस पर फिल्म बनायी थी. 'रमन राधव 2.0' नाम की फिल्म चर्चित हुयी थी. बताया जाता है कि मुंबई में साठ के दशक में यह एक भयंकर साइको किलर था. इसकी वजह से पूरा मुंबई और उसके आसपास के इलाके में दहशत रहती थी. 1965 से लेकर 1968 के बीच मुंबई और उसके आसपास के शहरों में रमन राधव का आतंक था. पकड़े जाने पर पुलिस के सामने उसने कुल 41 लोगों की हत्या की बात कबूली थी, जिसमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इस मामले में सेशन कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे 1959 में हाई कोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया था. काफी दिनों तक इस साइको किलर को मानसिक रूप से बीमार होने के कारण पूरे के मेंटल हॉस्पिटल में भी रखा गया था, जहां पर 4 अगस्त 1988 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

कोलकाता का देवेश शर्मा

2. कोलकाता का देवेश शर्मा
कोलकाता के रहने वाले देवेश शर्मा का नाम भी साइको किलर के रूप में गिना जाता है. पेशे से पैसे से आयुर्वेद के डॉक्टर बताया जाने वाले इस शख्स ने टैक्सी ड्राइवरों को अपना निशाना बनाया था. पुलिस के सामने गिरफ्तार होने के बाद उसने 2002 से 2004 के बीच 30 से 40 टैक्सी ड्राइवरों को मारने की बात बताई थी. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि वह टूरिस्ट बनकर टैक्सी में बैठता था फिर रास्ते में अपने दोस्तों के साथ मिलकर ड्राइवरों की हत्या करता था. इस दौरान वह गाड़ियों को लूटकर चोर बाजार में बेंच दिया करता था. 2008 में इसे मौत की सजा सुनाई गई थी.

उत्तर प्रदेश का मनिंदर सिंह पंढेर व सुरेंद्र कोली

3. उत्तर प्रदेश का मनिंदर सिंह पंढेर व सुरेंद्र कोली
उत्तर प्रदेश में अगर साइको किलर की चर्चा होती है तो निठारी कांड का चर्चित सुरेंद्र कोली व मनिंदर सिंह पंढेर को जरूर याद किया जाता है. नोएडा इलाके के रहने वाले सुरेंद्र कोली ने 2006 में निठारी गांव से गायब हुए कई बच्चों की हत्या की थी. पुलिस ने जब सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया तो उसके घर के पीछे वाली नाली से दर्जनों बच्चों की लाश व शरीर के टुकड़े मिले थे. बताया जाता है कि यह सिर्फ बच्चों और महिलाओं को ही अपना शिकार बनाता था और उसकी डेड बॉडी के साथ दरिंदगी किया करता था. ऐसी भी बातें पता चलीं थीं कि वह मरे हुए लोगों के मांस को भी चखा करता था. सुरेंद्र कोली को कई मामलों में फांसी की सजा मिल चुकी है. फिलहाल गाजियाबाद जेल में बंद बताया जाता है. नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में दर्ज हुए 16 मुकदमों में से 14वें मामले में ग़ाज़ियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत सजा सुना दिया है. कोर्ट ने नौकर सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की सजा का एलान किया है. 14वें मामले में नौकर सुरेंद्र कोली को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है, जबकि पंढेर को अनैतिक देह व्यापार का दोषी मानते हुए इस 14वें मामले में 7 साल क़ैद की सजा सुनाई गई है.

तमिलनाडु का जयशंकर

4. तमिलनाडु का जयशंकर
तमिलनाडु के सालेम जिले का रहने वाला कुख्यात साइको किलर एम जयशंकर भी एक शातिर किस्म का साइको किलर बताया जाता था. इसने 30 से अधिक महिलाओं का रेप किया था और उसमें से 15 महिलाओं की हत्या भी कर दी थी. दक्षिण भारत के 3 राज्यों में उसने अपनी दहशत कायम कर रखी थी. एम जयशंकर की हरकत से तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की पुलिस परेशान थी. बताया जाता है कि वह पैशे से एक ट्रक ड्राइवर था. अगस्त 2009 में उसने 12 महिलाओं के साथ रेप करके उनकी हत्या कर दी थी. वहीं अन्य महिलाओं के साथ भी रेप करने की बात सामने आई थी. ऐसा कहा जाता है कि उसके निशाने अधिकांश तौर पर वेश्याएं होती थीं, जिनको वह अगवा करके रेप करता था और उनकी निर्दयता पूर्वक हत्या भी कर देता था. जयशंकर फिलहाल 10 साल से जेल की सजा काट रहा है और कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनायी है.

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चेन्नई का गौरी शंकर उर्फ ऑटो शंकर

5. चेन्नई का गौरी शंकर उर्फ ऑटो शंकर
गौरी शंकर नाम का ऑटो चालक था. उसे भी बड़ा साइको किलर कहा जाता है. इसीलिए लोग उसे ऑटो शंकर भी कहा करते थे. 1988 में उन्हें 6 महीने के अंदर 9 लड़कियों को किडनैप करके मार डाला था. पुलिस से मिली जानकारी में पता चला कि गौरी शंकर को खून सेक्स और शराब का नशा था. इसीलिए हो ऐसी हरकत करता था. पूछताछ में उसने कहा था कि लड़कियों की हत्या उसने नेताओं पर के कहने पर की थी. इनमें से 9 लड़कियों की हत्या एक ही तरीके से की गई थी. 1995 में गौरी शंकर को फांसी दे दी गई.

बिहार का अविनाश उर्फ अमित

6. बिहार का अविनाश उर्फ अमित
बिहार के वैशाली जिले से पुलिस ने एक साइको किलर को गिरफ्तार किया था. अविनाश श्रीवास्तव उर्फ अमित का कहना था कि गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म की कहानी उसी के जीवन से प्रेरित होकर बनी है. यह साइको किलर उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुका है. इंफोसिस का कर्मचारी रह चुका है. बिहार के एक पूर्व विधायक के इस बेटे ने अब तक 20 हत्या करने का दावा किया है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से एमसीए की डिग्री लेने वाले अविनाश ने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए जुर्म की दुनिया में कदम रखा. उसके पिता लल्लन श्रीवास्तव आरजेडी के पूर्व विधान पार्षद थे. 2002 में कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद अविनाश ने एक-एक करके पांच में से चार हत्यारों को मार दिया. यहां तक कि उसने पिता के हत्या के आरोपियों का केस लड़ रहे वकील को भी गोलियों से भून डाला था. इसको पुलिस ने एक बैंक में चोरी को दौरान गिरफ्तार किया.

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राजस्थान का विक्रम

7. राजस्थान का विक्रम
राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक साइको किलर ने 35 साल की उम्र में 50 से भी ज्यादा युवतियों को अपने प्रेमजाल में फंसा कर संबंध बनाएं. युवतियों को फंसाने के लिए वह कभी सेना, कभी आयकर विभाग का अधिकारी, तो कभी व्यापारी बन कर लड़कियों के सामने खुद को पेश करता था और उनके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का आदी हो चुका था. इस दौरान जयपुर में उसने तकिए से गला घोटकर हत्या कर एक महिला की हत्या कर फरार हो गया था. इसी हत्या के आरोप में विक्रम नाम के युवक को पुलिस ने भिवाड़ी से गिरफ्तार किया था.

बेंगलुरू की मल्लिका

8. बेंगलुरू की मल्लिका
बेंगलुरू की मल्लिका ने 1999 से 2007 के बीच छ: औरतों का खून किया था. वह घरेलू हिंसा झेल रही मिडिल क्लास महिलाओं की हमदर्द बनने का नाटक करती थी और फिर उन्हें साइनाइड खिला कर मार डालती थी. साथ ही घर का सारा सामान लूट ले जाती थी. 2007 में इसकी ग‌िरफ्तारी हुई और 2012 में इसे मौत की सजा सुनाई गई, जो बाद में आजीवन कारावास में बदल दी गई थी.

मुंबई का स्टोनमैन

9. मुंबई का स्टोनमैन
मुंबई के कुख्यात हत्यारे को लोग स्टोनमैन के नाम से जानते थे. 1989 में मुंबई में रहने वाले 9 लोगों को एक ही तरह से मारा गया था. उनके सिर को एक बड़े से पत्थर से कुचला गया था. हालांकि मामलों की जांच पड़ताल में अभी तक यह साफ नहीं हुआ था कि बाकी सारे खून एक ही इंसान ने किए या एक को देख कर अलग अलग लोगों ने ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया था, लेकिन यह स्टोन किलर लोगों के बीच दहशत बना चुका था.

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मुंबई का बीयर मैन

10. मुंबई का बीयर मैन
2006 से 2007 के बीच मुंबई में ही 6 लोगों की एक ही तरह से हत्या हुई तो पुलिस को इसमें सीरियल किलर का हाथ दिखायी देने लगा. पुलिस का कहना था कि जब भी कोई हत्या होती थी तो हर बार लाश के पास बीयर की एक बोतल पायी जाती थी, जिससे पुलिस को शक होने लगा कि यह किसी सीरियल किलर का ही काम है. लोगों ने इसका नाम ‘बीयर मैन’ रख दिया. बाद में 2008 में रविंद्र कंट्रोले को एक खून के आरोप में पकड़ा गया और उसके पास से बीयर की खाली बोतल भी म‌िली थी, लेक‌िन लेकिन पुख्ता सबूतों की कमी के चलते उसे छोड़ देना पड़ा था.

साइको किलर्स (डिजाइन फोटो)

क्यों बनते हैं साइको किलर
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और खुशहाली हैप्पीनेस फाउंडेशन के प्रमुख डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि कि साइको किलर एक विचित्र तरह के इंसान होते हैं, जो सामान्य तौर पर समाज से बिल्कुल अलग रहते हैं. इनको सामाजिक लोगों से मिलना मिलना अच्छा नहीं लगता, लेकिन इनके अंदर एक अजीब तरीके की सनक होती है और उसी के चलते मनोवैज्ञानिक संतुष्टि के लिए वह हत्याएं या अन्य तरह के अपराध या हरकतें किया करते हैं.

ऐसे होते हैं साइको किलर
क्या आप जानते हैं कि 'साइको किलर' या 'सीरियल किलर' क्या होता है और सबसे पहले इस शब्दों का उपयोग कहां किया गया था. जानकारी के अनुसार 1966 में ब्रिटिश लेखक जॉन ब्रोडी ने सबसे पहले सीरियल किलर शब्द का उपयोग किया था. इसके अंतर्गत अलग-अलग घटनाओं में दो या दो से अधिक मर्डर के सिलसिले की सीरीज को सीरियल किलिंग के रूप में परिभाषित किया गया और कहा गया कि यह एक मानसिक विकृति से पीड़ित व्यक्ति की करतूत होती है, जिसे वह अपनी संतुष्टि के लिए करता है. ऐसी घटनाओं के पीछे एक खास वजह होती है. इसीलिए वह एक के बाद एक कई लोगों की हत्या करता है.

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Last Updated : Sep 15, 2022, 6:33 AM IST

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