नई दिल्ली:लोकसभा में पीएम मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार नोटिस दे रखा है. इस घटना के कुछ दिनों बाद, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने आरोप लगाया है कि दुबे ने अपने हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी है. मोइत्रा ने अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. मोइत्रा ने अपने ट्वीट में कई सबूत पोस्ट किए और सांसद की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए.
पहले ट्वीट में मोइत्रा ने 2009 से दुबे के नामांकन पत्र के हलफनामे की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उन्होंने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए करने का दावा किया था. मोइत्रा ने बताया कि दुबे ने 2019 से पहले अपनी शैक्षिक योग्यता की पूरी सूची प्रदान नहीं की. उन्होंने इसकी जानकारी सार्वजनिक करने को कहा.
मोइत्रा के दूसरे ट्वीट में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन द्वारा झारखंड के पुलिस निरीक्षक को लिखा गया एक पत्र दिखाया गया है, जिसमें कहा गया है कि निशिकांत दुबे के नाम से किसी को भी 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय में एमबीए कार्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया गया था. यह जानकारी एक आरटीआई क्वेरी के माध्यम से प्राप्त की गई थी. मोइत्रा ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय ने 2020 में एक लिखित प्रतिक्रिया दी थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि दुबे 1993 में प्रबंधन अध्ययन विभाग से पास आउट नहीं हुए हैं.
तीसरे ट्वीट में, मोइत्रा ने झारखंड सरकार द्वारा मुहर लगाए गए दो पेज पोस्ट किए, जिसमें 2019 से दुबे का हलफनामा था. इस हलफनामे में, दुबे ने दावा किया कि उनकी सर्वोच्च शैक्षिक योग्यता 2018 में प्रताप विश्वविद्यालय, राजस्थान से प्रबंधन में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी थी. हालांकि, मोइत्रा ने बताया कि यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी किए बिना कोई पीएचडी नहीं कर सकता है.