नई दिल्ली : कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं. समन किए जाने के बावजूद वह दो बार लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश नहीं हो सकीं. अब कमेटी ने दो नवंबर को उन्हें पेश होने का समय दिया है. इस कमेटी के सामने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पेश हो चुके हैं. दुबे ने महुआ मोइत्रा पर संसद का लॉगिन और पासवर्ड कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के साथ साझा करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बाबत महुआ मोइत्रा के पुराने फ्रेंड अनंत देहाद्रई ने भाजपा सांसद को यह जानकारी दी थी. देहाद्रई पेशे से वकील हैं.
कुछ दिनों पहले तक महुआ मोइत्रा इन आरोपों से इनकार करती आ रहीं थीं. हालांकि, अब उन्होंने एक इंटरव्यू (एक टीवी चैनल) में स्पष्ट रूप से कबूल किया है कि उन्होंने संसद का लॉगिन और पासवर्ड कारोबारी हीरानंदानी के साथ साझा किया था. यही नहीं, महुआ ने हीरानंदानी से गिफ्ट्स लेने की भी बात स्वीकार कर ली है.
महुआ के अनुसार इन गिफ्ट्स में लिपिस्टिक, मेकअप के सामान और स्कार्फ शामिल हैं. महुआ ने यह भी कहा कि हीरानंदानी ने उन्हें कार और ड्राइवर की भी सेवा उपलब्ध करवाई थी. जब महुआ से पूछा गया कि आपने उनसे ये गिफ्ट्स क्यों स्वीकार किए, इस पर टीएमसी सांसद ने कहा कि क्योंकि ये सभी सामान दुबई में ड्युटी फ्री मिलते हैं, इसलिए उन्होंने इसे मंगवाया था.
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आपने अपने सरकारी बंगले की री-डिजाइनिंग करने के लिए हीरानंदानी के आर्किटेक्ट की सेवाएं ली थीं, इस पर महुआ ने कहा कि ये आरोप गलत हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बंगले में मरम्मत के काम सीपीडब्लूडी की ओर से करवाए गए हैं.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि उन्होंने संसद का अपना लॉगिन औॅर पासवर्ड कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के साथ साझा किया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने ऐसा करके कोई गलत काम नहीं किया है.
महुआ ने बताया कि यह कहीं नहीं लिखा है कि उनका अकाउंट कौन लॉगिन कर सकता है और कौन नहीं. महुआ के अनुसार मेरे पास संसद का लॉगिन और पासवर्ड है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ वहीं करेंगी, ऐसा स्पष्ट उल्लेख कहीं नहीं है.
उन्होंने आगे बताया कि हरेक सांसद के पास एक टीम होती है और प्रायः वही टीम इस लॉगिन और पासवर्ड का प्रयोग करती है. लेकिन जब भी उनकी टीम या कोई भी व्यक्ति उनके अकाउंट में लॉगिन करता है, तो उनके (महुआ) पास ओटीपी आता है और इस ओटीपी के साझा करने के बाद ही उनका अकाउंट खुलता है. महुआ ने कहा कि यानी जितनी बार उनका अकाउंट खुला है, यह उनकी जानकारी में है.
महुआ ने कहा कि हीरानंदानी अपने आप ही मेरा अकाउंट नहीं खोल सकते हैं, जब तक कि मेरी अनुमति न हो. उनके अनुसार इसी तरह से सांसद की ओर पूछे जाने वाले सवाल भी उनकी अनुमति से ही पूछे जाते हैं.
महुआ ने इस इंटरव्यू में यह भी स्वीकार किया है कि हीरानंदानी उनके मित्र हैं और वह भारतीय पासपोर्ट धारक हैं. टीएमसी सांसद ने कहा कि हीरानंदानी भारतीय नागरिक हैं, वह कोई विदेशी संस्था नहीं हैं, जैसा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है. हीरानंदानी दुबई में रहते हैं.
यहां आपको बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोप के अनुसार महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी को अपने अकाउंट का लॉगिन और पासवर्ड साझा किया और इसके बाद हीरानंदानी ने अपने हितों को साधने के लिए संसद में सवाल पूछे. दुबे के अनुसार इनमें से कई सवाल एक खास उद्योगपति (अडाणी) को टारगेट करने के लिए पूछे गए थे. दुबे ने यह भी बताया कि हीरानंदानी अडाणी के मुकाबले की टेंडर हार चुके थे. इसलिए वह परेशान करने वाले सवाल पूछ रहे थे.
महुआ ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर काफी तीखा हमला किया. उन्होंने बिना नाम लिए ही कहा कि कुछ छोटे झारखंडी पिटबुल उनके पीछे पड़े हैं, लेकिन शायद उन्हें पता नहीं है कि उन्होंने गलत आदमी को चुन लिया है, मैं उनमें से हूं, जो सच के साथ खड़ी रहती हूं.
इस इंटरव्यू में महुआ ने साफ तौर पर कहा कि जब वह स्टिजरलैंड गई थीं, तब उन्होंने वहीं से कई बार लॉगिन किया था, और संसद में सवाल पूछे थे. महुआ के अनुसार कई बार उनकी बहन के बच्चों ने भी लॉगिन का इस्तेमाल किया था और उनके लिए सवाल भी टाइप किए थे.
महुआ ने कहा कि जिस वक्त हम लॉगिन करते हैं, उस समय आईपी एड्रेस एनआईसी ऑफिस को पता चल जाता है, यानी उनको आपत्ति थी, तो उसी वक्त यह बताते, या नहीं तो यह कहते कि आप विदेश से लॉगिन नहीं कर सकते हैं. महुआ के मुताबिक हीरानंदानी ने जो भी सवाल पूछे हैं, वह तर्कसंगत हैं और यदि उन्हें लॉगिन और पासवर्ड नहीं भी मिलता तो वह इन सवालों को आरटीआई के माध्यम से पूछ सकते थे. इसमें क्या हर्ज है, कि आप सब हमें सवाल पूछने के लिए भी टारगेट कर रहे हैं.
हीरानंदानी को पासवर्ड दिए जाने के सवाल पर महुआ ने कहा कि मैंने खुद उन्हें कहा कि आप अपने सहायकों को सवाल लिखने दीजिए, क्योंकि मेरे पास समय की कमी है. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यस्त रहती हूं. इसलिए वे लॉगिन करके सवाल पूछते थे, लेकिन सारे सवाल मैं देखती जरूर थी. महुआ ने कहा कि कोई भी सवाल तभी पूछा जा सकता है, जब तक कि उसका ओटीपी हम साझा न कर दें.
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