नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के कैडेट्स को राष्ट्र के प्रति अधिक प्रभावी ढंग से योगदान करने के लिए सशक्त बनाने के उपायों का सुझाव देने के लिए गठित एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति में शामिल किया गया है. समिति में कुल 15 सदस्य हैं. एनसीसी को बदले समय में और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने पूर्व सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.
धोनी भारतीय सेना से जुड़े रहे हैं और लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक भी रखते हैं. मंत्रालय ने कहा, 'समिति के संदर्भ की शर्तें, अन्य बातों के साथ, मोटे तौर पर ऐसे उपायों का सुझाव देती हैं जो एनसीसी कैडेटों को राष्ट्र निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विकास प्रयासों में अधिक प्रभावी ढंग से योगदान करने के लिए सशक्त बना सकते हैं.' इसके अलावा समिति का काम समग्र रूप से संगठन की बेहतरी के लिए अपने पूर्व छात्रों की लाभकारी भागीदारी के उपायों का प्रस्ताव करना और अध्ययन करना, एनसीसी पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए समान अंतर्राष्ट्रीय युवा संगठनों की सर्वोत्तम प्रथाओं की सिफारिश करना होगा.
पूर्व सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली समिति में कर्नल (सेवानिवृत) राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे , वित्त मंत्रालय में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर शामिल हैं. एसएनडीटी वूमंस यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति वसुधा कामत, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय आयोजन सचिव मुकुल कानितकर, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आलोक राज, एसआईएस इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेश रितुराज सिन्हा और डेटाबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद शाह भी समिति के सदस्य हैं.