मुंबई :केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी. महाराष्ट्र के किसानों, व्यापारियों और अर्थशास्त्रियों ने इस बजट से कई उम्मीदें जताई हैं. कोरोना वायरस ने देश के साथ-साथ राज्यों के राजस्व सहित विभिन्न उद्योगों को प्रभावित किया है. दूसरी ओर दिल्ली में किसानों के आंदोलन के बाद राज्य के किसान अच्छे बजट की उम्मीद कर रहे हैं.
मनमाड (नासिक)
मनमाड में व्यापारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार को आगामी बजट में किसानों के साथ-साथ आम जनता पर भी विचार करना चाहिए. किसान यह अपेक्षा करते हैं कि उन्हें दी जाने वाली बिजली, उचित दर पर और 24 घंटे उपलब्ध कराई जाए.
औरंगाबाद
किसान नेता जयाजी सूर्यवंशी ने कहा कि इस बजट से किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं. सूर्यवंशी ने उम्मीद जताई कि दिल्ली में किसानों के आंदोलन को देखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए.
मुंबई
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि हम इस बजट में जीएसटी रिफंड को देखेंगे. कोरोना वायरस के कारण हुई छंटनी ने देश की आर्थिक स्थिति को खराब कर दिया है. राजस्व का संग्रह नहीं होने के कारण केंद्र पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है. इसके अलावा केंद्र से महाराष्ट्र को जीएसटी के 30,000 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं. हम इस बात पर नजर रखेंगे कि केंद्र सरकार इस संबंध में क्या कदम उठा रही है. समस्या यह है कि सरकार पूंजी की कमी को कैसे भरेगी. साथ ही क्या सरकार आम जनता पर टैक्स लगाएगी? अर्थशास्त्री विश्वास उत्पी ने कहा कि केंद्र सरकार कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जो पूंजीपतियों का कर बढ़ाएंगे.
पुणे
हर बजट में देश में उद्यमियों के लिए बहुत सारे फायदे नहीं देने का चलन है. महाराष्ट्र में लगभग 296 एमआईडीसी हैं, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों ने अभी तक यह पता नहीं लगाया है कि उद्यमियों की बुनियादी जरूरतें क्या हैं. फोरम ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रियल एसोसिएशन महाराष्ट्र के अध्यक्ष अभय भोर को उम्मीद है कि इस साल बजट में अच्छे प्रावधान किए जाएंगे.