नागपुर :हाल ही में 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है. इस परीक्षा में कई छात्र सफल हुए हैं, लेकिन एक छात्रा राजुला हिदामी ने 45.83 फीसदी अंक हासिल कर परीक्षा पास की है (Wanted Naxal girl turned student passes 12th class). इसकी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि गढ़चिरौली गोंदिया में 15 साल की आदिवासी नक्सली राजुला हिदामी ने बड़ा आतंक मचा रखा था.
15 साल की इतनी छोटी उम्र में राजुला हिदामी पर 6 गंभीर अपराध दर्ज थे, लेकिन पुलिस अधिकारी संदीप अटोले की वजह से उसकी जिंदगी में बदलाव आया और उसने हथियार छोड़कर सामान्य जीवन जीने का रास्ता अपना लिया. पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद राजुला ने अपनी शिक्षा फिर से शुरू की और 12वीं की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है.
नक्सल इलाके में था आतंक : राजुला हिदामी गोंदिया और गढ़चिरौली क्षेत्र की एक प्रमुख नक्सली थी. उसके खिलाफ फायरिंग, लूटपाट, विस्फोट की वारदात करने के मामले दर्ज थे. राजुला 15 साल की उम्र में नक्सल आंदोलन से कैसे जुड़ी इस रहस्य को पुलिस भी नहीं सुलझा पाई है. राजुला हिदामी ने नक्सल प्रभावित इलाके में आतंक फैला रखा था. गोंदिया और गढ़चिरौली जिलों में राजुला का बहुत प्रभाव था, लेकिन संदीप अटोले ने गोंदिया पुलिस बल के अधीक्षक के पद का कार्यभार संभालते हुए इस मामले पर बारीकी से ध्यान दिया.
संदीप अटोले राजुला की सोच को बदलने में सफल रहे. उन्हीं की कोशिशों से राजुला ने 2018 में पुलिस के सामने सरेंडर किया. उसके बाद राजुला ने शिक्षा ग्रहण की. संदीप अटोले ने राजुला की संरक्षकता स्वीकार कर ली और उसकी शिक्षा का सारा भार अपने ऊपर ले लिया. उन्हीं के सहयोग से ही राजुला ने 12वीं की परीक्षा पास की है.