मुंबई:महाराष्ट्र में बारिश (Rain In Maharashtra) काल बनकर आई है और देखते ही देखते दर्जनों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. राज्य में अब तक 112 लोगों की मौत हो हो चुकी है, 36 लोग घायल हैं और 56 लोग लापता हैं. सबसे अधिक प्रभावित जिला रायगड (Raigad Maharashtra) है, जहां अब तक 49 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. मलबे में फंसे लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है. माना जा रहा है कि मौत के आंकड़ों में अभी और इजाफा होगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रायगड का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थायी रूप से स्थानांतरित करने और स्थानांतरित करने की योजना लेकर आएगी. रायगढ़ जिले के तलिये गांव में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने जान गंवाने वालों और पीड़ितों के परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया. ठाकरे कल रत्नागिरी जिले के चिपलून जाएंगे. बाद में वह सतारा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे.
इसके पहले सूबे के उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने शनिवार बताया कि राज्य में भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन (Landslide) के चलते 112 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बारिश के कारण रायगड जिला सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और यहां मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 47 हो गई है. इनमें तलीये गांव में भूस्खलन में मारे गए 37 लोग शामिल हैं. पुणे में डिप्टी सीएम ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में अभी तक नौ जिलों से करीब 90,000 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. ये जिले पिछले चार दिनों में हुई भारी बारिश से प्रभावित हैं.
मृतक के परिजनों को राज्य सरकार 5 लाख व केंद्र सरकार 2 लाख देगी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर चुकी है, जबकि केंद्र सरकार ने प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन प्रभावित इलाकों में राशन 'किट' बांटने का फैसला किया है
राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से फोन पर की बात
राष्ट्रपति कोविंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से फोन पर बात की. इस दौरान राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की. राज्यपाल ने उन्हें लोगों की दुर्दशा को कम करने के लिए किए गए बचाव और राहत कार्यों से अवगत कराया.
NDRF की 34 टीमें बचाव कार्य में जुटीं