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350th Anniv Of Shivaji's Coronation : शिवाजी के राज्याभिषेक में समाहित थी स्वराज्य की ललकार: पीएम मोदी - 350वीं वर्षगांठ

शिवाजी के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम को पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन संबोधित किया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी हुए शामिल हुए.

350th Anniversary Of Shivaji's Coronation
पीएम नरेंद्र मोदी

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Published : Jun 2, 2023, 1:01 PM IST

पीएम मोदी ने किया संबोधित.

रायगढ़ : महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के मौके पर समारोह का आयोजन हो रहा है. इस कार्यक्रम को पीएम मोदी ने शुक्रवार को संबोधित किया. उन्होंने महान मराठा वीर छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने भारत की एकता और अखंडता को हमेशा सर्वोपरि रखा था. पीएम मोदी ने कहा कि आज एक भारत, श्रेष्ठ भारत विजन में छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का प्रतिबिंब देखा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि इतिहास के उस अध्याय से निकलीं स्वराज, सुशासन और समृद्धि की महान गाथाएं हमें आज भी प्रेरित करती हैं. राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं. मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि आज स्वराज्य की पहली राजधानी रायगढ़ किले के प्रांगण में शानदार आयोजन किया गया है. पूरे महाराष्ट्र में आज का दिन महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. पूरे साल भर इस तरह के आयोजन महाराष्ट्र में होंगे. इसके लिए मैं महाराष्ट्र सरकार को भी शुभकामनाएं देता हूं.

लीडर का सबसे बड़ा दायित्व, देशवासियों को motivated और confident रखना
पीएम मोदी ने कहा कि आज से साढ़े तीन सौ वर्ष पूर्व, जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था, तो उसमें स्वराज्य की ललकार और राष्ट्रीयता की जय-जयकार समाहित थी. इतिहास के नायकों से लेकर आज के दौर में नेतृत्व पर रिसर्च करने वाले मैनेजमेंट गुरुओं तक, हर युग में किसी भी लीडर का सबसे बड़ा दायित्व होता है कि वो अपने देशवासियों को motivated और confident रखे. आप छत्रपति शिवाजी महाराज के समय देश की परिस्थितियों की कल्पना कर सकते हैं.

मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक केंद्रों पर हमला करके लोगों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई. ऐसे समय में, लोगों में आत्म विश्वास जगाना एक कठिन कार्य था. लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना सिर्फ क्रमणकारियों का मुकाबला किया बल्कि जनमानस में ये विश्वास भी पैदा किया कि स्वयं का राज संभव है. उन्होंने गुलामी की मानसिकता को खत्म कर लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया.

किसी ना किसी रूप में उनका जीवन हमें अवश्य प्रभावित करता है
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व के इतने पहलू हैं कि किसी ना किसी रूप में उनका जीवन हमें अवश्य प्रभावित करता है. उन्होंने भारत के सामुद्रिक सामर्थ्य को पहचानकर जिस तरह नौसेना का विस्तार किया, अपना प्रबंध कौशल दिखाया, वो आज भी सबको प्रेरणा देता है. उनके बनाए जलदुर्ग समंदर के बीच में, तेज लहरों और ज्वार-भाटा के थपेड़े सहने के बावजूद आज भी शान से खड़े हैं. उन्होंने समुद्र के किनारों से लेकर पहाड़ों तक किले बनवाए और अपने राज्य का विस्तार किया. उस काल में उन्होंने जल प्रबंधन- वाटर मैनेजमेंट से जुड़ी जो व्यवस्थाएं खड़ी की थीं, वो विशेषज्ञों को हैरत में डाल देती हैं. ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले वर्ष भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी.

नौ सेना के ध्वज पर शिवाजी की राजमुद्रा
भारतीय नौसेना के ध्वज पर अंग्रेजी शासन की पहचान को हटाकर शिवाजी महाराज से प्रेरित उनकी राजमुद्रा को जगह दी गई है. अब यही ध्वज नए भारत की आन-बान-शान बनकर समंदर और आसमान में लहरा रहा है. छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, विचारधारा और न्यायप्रियता ने कई-कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है. उनकी साहसिक कार्यशैली, सामरिक कौशल और शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रणाली आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि दुनिया के कई देशों में आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज की नीतियों की चर्चा होती है और उस पर रिसर्च होती है. एक महीने पहले ही मॉरीशस में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई. आजादी के अमृतकाल में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होना एक प्रेरणायादी अवसर है.

कार्यक्रम में शिंदे, फडणवीस हुए शामिल
शुक्रवार को सुबह आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाग लिया. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, मराठा योद्धा शिवाजी महाराज का रायगढ़ किले में छह जून, 1674 को राज्याभिषेक हुआ था, जहां उन्होंने 'हिंदवी स्वराज' की नींव रखी थी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल राज्याभिषेक की वर्षगांठ दो जून को है. शिंदे और फडणवीस ने रायगढ़ किले में शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की वर्षगांठ के मौके पर की जाने वाली विभिन्न रस्मों में हिस्सा लिया. संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा का जलाभिषेक किया. इसके लिए जल पूरे महाराष्ट्र की नदियों से एकत्र किया गया था.

शिंदे और फडणवीस ने राज्य के लोगों को बधाई दी
राज्य पुलिस के एक बैंड ने महाराष्ट्र का राज्य गीत 'जय जय महाराष्ट्र माझा, गर्जा महाराष्ट्र माझा' बजाकर मराठा साम्राज्य के संस्थापक को श्रद्धांजलि दी. शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई. इस अवसर पर शिवाजी महाराज के वंशज भी उपस्थित थे. राज्य सरकार ने राज्याभिषेक की वर्षगांठ मनाने के लिए किले में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जो पूरे सप्ताह चलेंगे. शिंदे और फडणवीस ने 'शिवराज्याभिषेक' की 350वीं वर्षगांठ पर राज्य के लोगों को बधाई दी. शिंदे ने ट्वीट कर बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सरकार ने सात जून तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है. फडणवीस ने भी ट्वीट कर लोगों से छत्रपति शिवाजी महाराज के 'शिवराज्याभिषेक' की 350वीं वर्षगांठ पर मनाए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने का आग्रह किया.

(एजेंसियां)

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