मुंबई : नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) आंतरिक विद्रोह की वजह से दो फाड़ हो गई है. अजित पवार ने विद्रोह कर दिया. वह अपने समर्थक विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए. अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी नेता छगन भुजबल, दिलीप वालसे, धनंजय मुंडे और अदिति तटकरे समेत आठ मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार ने दावा किया है कि पूरी पार्टी उनके साथ है, और वह सरकार में एनसीपी के रूप में ही शामिल हुए हैं.
'हमने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया. अधिकांश विधायक हमारे साथ हैं. आज के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी कुछ और लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. हमने विकास को अधिक महत्व दिया, इसलिए सरकार में शामिल हुए. पीएम मोदी पिछले नौ साल से देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं, इसलिए हम भी इस कार्य में सहभागिता बढ़ाने के लिए शामिल होना चाह रहे थे. विपक्ष तो आपस में ही एक दूसरे के खिलाफ भिड़ रहे हैं. विपक्षी एकता से कुछ खास नहीं निकलेगा. हम पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे. हम पंचायत चुनाव भी अपने अपने सिंबल पर लड़ेंगे. नागालैंड में भी ऐसी ही स्थिति थी, इसलिए पार्टी भाजपा सरकार के साथ हुई. यहां पर भी लोग आरोप लगाएंगे, कुछ न कुछ कहेंगे, उनका जवाब हम नहीं देंगे. हम तो शिवसेना के साथ सरकार बना चुके हैं, तो भाजपा के साथ सरकार बनाने से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है.'
अजित पवार और छगन भुजबल ने दावा किया है कि एनसीपी पार्टी पूरी तरह से उनके साथ है. पवार ने कहा कि वह चुनाव में एनसीपी के रूप में ही जाएंगे.
शरद पवार ने क्या दिया जवाब -
जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि वही पार्टी हैं, वह गलत है. कुछ लोगों ने गलत कदम उठाया. अजित पवार ने कुछ लोगों के हस्ताक्षर लिए हैं, लेकिन हस्ताक्षर करने वालों ने मुझसे कहा कि वह उनके (अजित) साथ नहीं हैं. मेरे सामने तो ऐसी परिस्थिति पहले भी आई है. 1980 में 58 में से 52 विधायक छोड़कर चले गए थे. फिर भी हम वापस आए. अगले चुनाव में हम 69 सीट जीतकर आए. जो लोग छोड़कर गए, उनमें 45 विधायक चुनाव हार गए थे. हमें महाराष्ट्र की जनता पर पूरा भरोसा है. 2014 के मुकाबले हम 2019 में अधिक सीट जीते. मुझे देश के कई लोगों और नेताओं का फोन आया, सभी ने हमारा साथ देने का वादा किया है. जो भी हुआ, मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है. मैं फिर से पार्टी खड़ा करूंगा. एनसीपी किसकी है, इसका फैसला लोग करेंगे. इस पार्टी को मैंने बनाई है. जिसको भी जो दावा करना है, करने दो.
मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले क्या हुआ - एनसीपी प्रमुख शरद पवार की उपस्थिति में छह जुलाई को पार्टी की बैठक होनी थी. कथित तौर पर उस बैठक में पार्टी अध्यक्ष का नाम तय होना था. लेकिन उस बैठक से ठीक पहले अजित पवार ने विधायकों की बैठक बुला ली. यह बैठक आज दिन में हुई. अजित पवार ने एक दिन पहले ही प्रतिपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों की मानें तो अजित पवार महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज थे.
अजित पवार द्वारा पार्टी की बैठक बुलाए जाने की जानकारी के बाद एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शरद पवार से टेलीफोन पर बातचीत की. शरद पवार अभी पुणे में हैं. पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी पवार के साथ हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार ने अपने दूसरे कार्यक्रम स्थगित कर दिए.
ऐसा कहा जा रहा था कि अजित पवार पार्टी संगठन में नई जिम्मेदारी की मांग कर रहे थे. पार्टी में जो भी नए फेरबदल किए गए थे, शरद पवार ने अजित पवार को कोई नई भूमिका नहीं दी थी. सीनियर पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी थी. हालांकि, प्रफुल्ल पटेल खुद अजित पवार के साथ आ गए.