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Maharashtra Politics : 'क्या भाजपा के साथ जाएंगे', अजित पवार ने दिया ऐसा जवाब - शरद पवार एनसीपी अजित पवार

महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक ही हलचल मच गई है. एनसीपी नेता अजित पवार को लेकर कई तरह की खबरें चल रहीं हैं. क्या वह भाजपा में जाएंगे, या फिर एनसीपी में ही रहेंगे, इस पर अजित पवार ने सबकुछ स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह एनसीपी में हैं और इसी पार्टी में रहेंगे.

Ajit Pawar, NCP Leader
अजित पवार, एनसीपी नेता

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Published : Apr 18, 2023, 1:25 PM IST

Updated : Apr 18, 2023, 2:17 PM IST

मुंबई/नई दिल्ली : महाराष्ट्र में फिर से सियासी 'खेल' के संकेत मिलने लगे हैं. क्या होगा, अभी कहना मुश्किल है. चर्चा के केंद्र में हैं अजित पवार. अजित पवार, शरद पवार के भतीजे हैं. उनकी पार्टी का नाम एनसीपी है. एनसीपी महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी है. एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव गुट का आपसी गठबंधन है और इसे एमवीए के नाम से जाना जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी के कई विधायक अजित पवार के साथ हैं और वह कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. अजित पवार महाराष्ट्र में प्रतिपक्ष के नेता हैं.

सूत्रों के अनुसार बड़ा निर्णय का मतलब है कि एनसीपी का एक धड़ा एमवीए से खुश नहीं है. वे कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. क्या वे भाजपा और शिवसेना वाले गठबंधन में शामिल होंगे, इस पर सस्पेंस है. एनसीपी के एक विधायक शेखर निगम ने मीडिया से बात करते हुए इन खबरों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है और अजित पवार पूरी तरह से एमवीए के साथ हैं.

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का भी एक बयान मीडिया में आया है. इसमें उन्होंने कहा कि जो भी बातें की जा रहीं हैं, वह सिर्फ मीडिया में हैं. एनसीपी के प्रवक्ता ब्रिजमोहन श्रीवास्तव ने भी कहा कि पार्टी पूरी तरह से शरद पवार के साथ है. एनसीपी नेता अनिल पाटिल ने भी कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, अजित पवार पूरी तरह से एनसीपी के साथ हैं.

वैसे, इससे पहले भी अजित पवार ने दावा किया था कि एनसीपी के विधायक उनके साथ हैं और इसी आधार पर उन्हें उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस सीएम बने थे. लेकिन बाद में अजित पवार अकेले पड़ गए, एनसीपी का कोई भी विधायक उनके साथ नहीं आया. यह घटना उस समय हुई थी, जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. तब अजित पवार भाजपा के साथ चले गए थे.

कुछ दिनों पहले मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा था कि यह उनकी एक 'चाल' थी, ताकि राज्य से राष्ट्रपति शासन खत्म हो सके और इसकी जगह पर एमवीए की सरकार बन सके. इस बार भी क्या कुछ वैसा ही होगा, कहना मुश्किल है.

उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि भाजपा ऐसी बातें उड़ा रही हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है.

वैसे, यहां पर यह भी जानना जरूरी है कि शरद पवार अभी पिछले कई महीनों से विपक्षी दलों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि विपक्षी एकता से मोदी सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में हराया जा सकता है. वह विपक्ष के कई नेताओं से मिलते भी रहे हैं. हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. वह ममता बनर्जी से भी मिल चुके हैं. ऐसे में एनसीपी कोई भी निर्णय लेती है, तो इसका आने वाली राजनीति पर गंभीर असर पड़ सकता है. पिछले सप्ताह ही एनसीपी का राष्ट्रीय दर्ज छिन गया था.

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Last Updated : Apr 18, 2023, 2:17 PM IST

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