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Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार बनी रहेगी: संवैधानिक विशेषज्ञ - एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार को यथास्थिति बनाए रखने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर दौड़ गई. इसे लेकर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील सत्य प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबराय से खास बातचीत की.

Maharashtra government headed by Eknath Shinde
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार

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Published : May 11, 2023, 10:15 PM IST

नयी दिल्ली: प्रसिद्ध संवैधानिक विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सत्य प्रकाश सिंह ने गुरुवार को कहा कि अदालत के निर्देशों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार की यथास्थिति बनाए रखा है. सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के कामकाज को बचाया. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि उद्धव ठाकरे ने खुद इस्तीफा दिया है, इसलिए उनका उच्चतम न्यायालय के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का कोई दावा नहीं है.

सिंह ने कहा कि जब तक बड़ी पीठ मामले का फैसला नहीं कर लेती, तब तक यथास्थिति बनी रहेगी. जहां तक सरकार के कामकाज का संबंध है, न तो उद्धव ठाकरे समूह कोई दावा कर सकता है, बल्कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार जारी रहेगी. शिवसेना की दरार से संबंधित मामले को उठाते हुए, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे सरकार की बहाली का आदेश नहीं दे सकती, क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था.

संविधान पीठ ने कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट का आदेश देने के राज्यपाल के पहले के फैसले के साथ-साथ शिंदे समूह द्वारा मनोनीत व्हिप नियुक्त करने का स्पीकर का फैसला गलत था. सिंह ने कहा कि पार्टी का व्हिप बहुत महत्वपूर्ण तत्व है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सार व्हिप है और बहुमत की गणना के लिए कार्यप्रणाली कवायद सही नहीं थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे सरकार को परेशान नहीं किया, क्योंकि मामला एक बड़ी बेंच को भेज दिया गया था.

पढ़ें:Maharashtra Politics : उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देते तो कोर्ट उन्हें राहत देती : CJI

उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह का मामला बड़ी बेंच के पास लंबित है. सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि शिंदे के नेतृत्व में बिखरा समूह और राज्यपाल का शासन सही नहीं था. उन्होंने विभिन्न तकनीकीताओं पर ध्यान दिए बिना और संविधान की 10वीं अनुसूची प्रदान किए बिना इसे बहुत तेजी से किया. उन्होंने कहा कि क्योंकि इस मामले में लोकतंत्र की बेहतरी के लिए निर्णय की आवश्यकता है, इसलिए इसे बड़ी पीठ के पास भेजा गया, क्योंकि इसी तरह का मामला लंबित था और उस मामले की समीक्षा की आवश्यकता है. यह सरल कार्यप्रणाली है.

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