मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद भी शिवसेना के दो गुटों के बीच लड़ाई जारी है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए नोटिस जारी किया है. चीफ व्हिप की अवहेलना करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिस जारी किया गया है. हालांकि, इस नोटिस में आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया गया है.
कहा जा रहा है कि बालासाहेब ठाकरे के प्रति सम्मान के कारण आदित्य ठाकरे के खिलाफ नोटिस जारी नहीं किया गया. इससे पहले उद्धव गुट के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने शिंदे गुट को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव भेजा था. महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद शिवसेना के एकनाथ शिंदे नीत धड़े ने सोमवार रात उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को शिवसेना के मुख्य सचेतक और शिंदे के करीबी भरत गोगावले द्वारा जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया.
हालांकि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को ‘सम्मान स्वरूप’ नोटिस नहीं दिया गया. गोगावले द्वारा जारी व्हिप में शिवसेना के सभी विधायकों से विश्वास मत में एकनाथ शिंदे के पक्ष में मतदान करने को कहा गया था. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार को गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता दी थी. गौरतलब है कि सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में शिंदे सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. विधानसभा में विश्वास मत के दौरान एकनाथ शिंदे को उनके पक्ष में 164 मत मिले. विपक्ष की ओर से विश्वास मत के खिलाफ 99 मत पड़े. वहीं, 3 सदस्य मतदान से दूर रहे. इससे पहले शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के एक विधायक संतोष बांगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गये. उन्होंने विश्वास मत के पक्ष में वोट डाला.
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विश्वास मत जीतने के बाद पहली बार बोलते हुए मुख्यमंत्री शिंंदे सदन में भावुक हो गये. उन्होंने कहा कि एक वक्त था, जब मेरे दो बच्चे मेरे सामने गुजर गए और मुझे लग रहा था कि किसके लिए जीना है, लेकिन तब मेरे गुरु आनंद दिखे ने मुझे कहा कि तुम्हें दूसरों के आंसू पोंछने हैं. उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे और दिघे के आशीर्वाद की वजह से आज शिवसेना और भाजपा की सरकार बनी है.