मुंबई: शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने और फिर वापस लेने के बाद भी राज्य की राजनीति में उलटफेर का दौर जारी है. ठाकरे गुट के मुखपत्र सामना ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधा है. सामना में कहा गया है कि शरद पवार राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने में नाकाम रहे हैं. सामना में पहले ही कहा जा चुका है कि शरद पवार के इस्तीफे के पीछे अंदरूनी गुटबाजी है. अब उसी को दोहराते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा गया.
दूसरी ओर, ठाकरे समूह द्वारा शरद पवार के नेतृत्व पर भी सवाल उठाया गया है. सामना ने कहा, शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया, इससे देश की राजनीति में हलचल मच गई. हालांकि, वह पार्टी को आगे नहीं बढ़ा सके. पवार एक महान राष्ट्रीय नेता हैं और राष्ट्रीय राजनीति में उनके शब्दों का सम्मान किया जाता है. हालांकि, वह विरासत में विफल रहे. इसलिए, उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद, कई लोग चिंतित थे कि उनका क्या होगा.
सामना ने आगे कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध करना शुरू कर दिया. बीजेपी को लगता है कि पवार का इस्तीफा वापस लेना एक नौटंकी है. लेकिन बीजेपी को दुनिया के सबसे बड़े ढोंगी प्रधानमंत्री मोदी को देखना चाहिए. असली मर्द कौन है? शिवसेना से अलग होकर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सत्ता हासिल की है. इस वजह से ठाकरे गुट ने शिंदे गुट के साथ बीजेपी की भी आलोचना की है. सामना ने कहा कि बीजेपी के पास लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने की क्षमता नहीं है.