नई दिल्ली :कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि राकांपा में तख्तापलट दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इस संकट ने सबसे पुरानी पार्टी को महाराष्ट्र में मजबूत होने का मौका दे दिया है. एआईसीसी के प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा, ''राकांपा का जो आज तख्तापलट हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन ताजा संकट ने कांग्रेस को राज्य में फिर से अपनी पकड़ बनाने का मौका दे दिया है." दुआ ने बताया, "राज्य में राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है. उभरती स्थिति पर चर्चा के लिए पार्टी विधायकों की एक बैठक चार जुलाई को मुंबई में होगी."
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, राकांपा के विभाजन के बाद उसके कई और विधायकों के बागी अजीत पवार के साथ जाने की उम्मीद है, जिससे सबसे पुरानी पार्टी विपक्ष के बीच अब सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. परिणामस्वरूप, विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद, जो अजीत पवार के पास था, वह भी कांग्रेस के पास आ जाएगा. गौरतलब है कि सदन में राकांपा के 53 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 44 विधायक हैं. वहीं, पिछले साल शिवसेना के टूटने के बाद वह विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी थी, इसलिए अब तक नेता प्रतिपक्ष का पद राकांपा के पास था. कांग्रेस के रणनीतिकारों के लिए, राकांपा संकट ने दिखाया है कि केवल सबसे पुरानी पार्टी ही पश्चिमी राज्य में भाजपा को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है, क्योंकि एमवीए के दोनों साझेदार शिवसेना और राकांपा भाजपा की साजिश का शिकार हैं.
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कितने विधायक राकांपा प्रमुख शरद पवार का समर्थन कर रहे हैं या कितने विधायक अजीत पवार के खेमे में चले गए हैं, जो अब उपमुख्यमंत्री हैं. वहीं, एआईसीसी महासचिव ने कहा, "भले ही एनसीपी के लगभग आधे विधायक अजीत पवार के साथ हैं, लेकिन कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में सामने आएगी. उस स्थिति में यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि विपक्ष का नेता कौन होगा और तब स्थिति को सावधानी से निपटने की आवश्यकता होगी. मंगलवार को विधायकों की बैठक में सभी संभावित परिदृश्यों पर चर्चा होगी ताकि आलाकमान निर्णय ले सके."