मुंबई: महाराष्ट्र में इन राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. जहां एक ओर चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह तीर-कमान को एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया है, वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे चुवान आयोग के इस फैसले से खासा नाराज हैं. वह चुनाव आयोग को मोदी सरकार के अधीन बता रहे हैं. इस मामले को लेकर एक बार फिर उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर प्रहार किया है और कहा है कि मैंने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में निलंबित विधायकों का है और जब उच्चतम न्यायालय इस पर फैसला नहीं सुनाता, अपना फैसला मत सुनाएं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में मौजूदा परिदृश्य को नहीं रोका गया तो 2024 का लोकसभा चुनाव भारत का आखिरी चुनाव साबित हो सकता है, क्योंकि इसके बाद यहां अराजकता शुरू हो जाएगी. मेरा सब कुछ लुट गया है. हमारी पार्टी का नाम और चिन्ह चोरी हो गया है, लेकिन 'ठाकरे' नाम चोरी नहीं हो सकता. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और कल से सुनवाई शुरू होगी.
वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसे लेकर उन्हें निराशा हाथ लगी है. उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया है. आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करते हुए इस मामले में तुरंत सुनवाई की मांग की थी. लेकिन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया.
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इसके अलावा शिंदे गुट को शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह तीर-कमान दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ शिवसेना भवन में बैठक की और इस मामले को जल्द से जल्द हल करने के लिए आगे की रजनीति पर चर्चा की. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत, अनिल देसाई, सुभाष देसाई और अनिल परब ने भी हिस्सा लिया. इसके अलावा इस बैठक में कई जिलास्तरीय नेताओं को भी शामिल किया गया, जिन्होंने आगे की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया.