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महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर बीजेपी की चुप्पी के पीछे क्या है गेम प्लान - Uddhav Thackeray Eknath Shinde

2019 में महाराष्ट्र में और फिर 2020 में राजस्थान में सरकार बनाने की असफल कोशिश के बाद बीजेपी अब महाराष्ट्र मामले में फूंक-फूंक कर कदम रखने को मजबूर है. यही वजह है कि एकनाथ शिंदे के बड़े सियासी ड्रामे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने चुप्पी साध रखी है. क्या है इसके पीछे बीजेपी का गेम प्लान, आइए जानते हैं वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.

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महाराष्ट्र राजनीतिक संकट

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Published : Jun 25, 2022, 8:54 PM IST

नई दिल्ली:महाराष्ट्र में चल रहे बड़े सियासी ड्रामे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी नापतोल कर बयान दे रही है. यही नहीं, सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने तमाम पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं को शिवसेना पर खुलकर अनर्गल बयानबाजी से साफ मना भी किया है. इससे दो बातें साफ होती हैं- एक तो ये कि भारतीय जनता पार्टी इस बार 'वेट एंड वॉच' की नीति अपना रही है और पार्टी चाहती है कि शिंदे पहले सदन में विश्वास मत हासिल कर लें. उसके बाद भाजपा अपने पत्ते खोले. दूसरी तरफ भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए पार्टी शिवसेना के खिलाफ भी अपने नेताओं को अनर्गल बयानबाजी करने से इसलिए रोक रही है क्योंकि उसे लग रहा है कि कल को उसे शिवसेना के साथ भी हाथ मिलाना पड़ सकता है.

2019 में देवेंद्र फडणवीस ने आनन फानन में आकर मुख्यमंत्री की शपथ ले ली थी और तीन दिन के बाद ही उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इसलिए बीजेपी इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. वहीं 16 विधायकों को शिवसेना की तरफ से दी गई नोटिस ने शिंदे के लिए मुश्किलें जरूर बढ़ा दी है. एकनाथ शिंदे हालांकि शिवसेना के 55 में से 45 विधायकों के अपने साथ होने का दावा कर रहे हैं. मगर पहले विधायकों के सुरक्षाकर्मियों और निजी सचिवों को कारण बताओ नोटिस और उसके बाद 16 विधायकों को शिवसेना की नोटिस से सारा परिदृश्य संवैधानिक संकट की ओर बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बीजेपी के आला नेता नजर तो बनाए हुए हैं मगर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहते.

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बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता और पार्टी के उपाध्यक्ष ने नाम न लेने की शर्त पर कहा कि महाविकास अघाड़ी की सरकार जोड़तोड़ की सरकार शुरू से ही है और शुरू से ही ये बेमेल की सरकार चल रही है. जब उनके नेता ही अपनी पार्टी से असंतुष्ट हैं तो सरकार और मुख्यमंत्री को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए. लेकिन वो इस्तीफा न देकर विधायकों को डरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में बीजेपी का कोई हाथ नहीं है और पार्टी सियासी घटनाक्रम पर नजर रख रही है. मगर महाराष्ट्र की जनता के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए और मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

लेकिन बीजेपी जल्दबाजी में कोई ऐसा कदम उठाना नहीं चाहती है जिससे शिवसेना सहानुभूति बटोर सके. हालांकि पार्टी ने राज्य के अपने नेताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने के भी संकेत दिए हैं.

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