नई दिल्ली:महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार को लेकर नाराज हुए शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास 40 से ज़्यादा विधायक हैं. जाहिर सी बात है कि महाराष्ट्र में जोड़तोड़ से बीजेपी की सरकार बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने बयान दिया है कि शायद महाराष्ट्र विधानसभा भंग की जा सकती है. राउत के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि शिवसेना अब अगला क्या कदम उठाएगी.
इस मसले पर ईटीवी भारत ने संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप से बात की. उनका कहना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास अगर बहुमत नहीं है, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, इसके अलावा कोई विकल्प उनके पास नहीं है. मुख्यमंत्री विधानसभा भंग करने की राज्य के राज्यपाल से केवल सिफारिश कर सकते हैं. विधानसभा भंग करने की शक्ति गवर्नर के पास होती है. ये भी तब होगा जब राज्य का मुख्यमंत्री सदन को भंग करने की सिफारिश करे. सिफारिश मिलने के बाद गवर्नर आश्वस्त होना चाहेंगे कि सरकार को सदन में बहुमत प्राप्त है या नहीं.
उन्होंने कहा कि गवर्नर को संशय हो तो वे सरकार से कहेंगे कि वे सदन में अपना बहुमत सिद्ध करें. अगर सदन में सरकार को बहुमत प्राप्त नहीं है, तो सरकार गिर जाएगी और मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा. इसमें स्पीकर का कोई रोल नहीं होता, सिवाय सदन की कार्यवाही का प्रबंधन करने के. महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल स्पीकर है नहीं, इसलिए डिप्टी स्पीकर का भी वही रोल होगा जो सामान्य तौर पर स्पीकर का होता है.