मुंबई/सूरत : महाराष्ट्र में दिनभर सियासी सरगर्मी तेज रही. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे 22 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं. इस बीच शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी में सियासी हलचल तेज रही. उद्धव ठाकरे ने विधायकों के साथ बैठक की. बाद में सांसदों के साथ भी बैठक की. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को अपने विधायक दल के नेता पद से हटाने का फैसला किया है, सेवरी विधायक अजय चौधरी शिवसेना विधायक दल के नए नेता होंगे. संजय राउत ने भाजपा पर आरोप लगाया है, साथ ही कहा है कि शिंदे के पास 16 से 17 विधायक ही हैं. वहीं, कांग्रेस ने महाराष्ट्र संकट से निपटने के लिए कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है.
- महाराष्ट्र का गणित- 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में, जादुई नंबर 145 है, जबकि वर्तमान में कुल 287 विधायक हैं. मुंबई के शिवसेना विधायक रमेश लटके का हाल ही में निधन हो गया. एमवीए-बीजेपी के अलावा, निर्दलीय या छोटे दलों के विधायकों का एक महत्वपूर्ण 29-मजबूत समूह है जो सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं. एमवीए में शिवसेना (56), राकांपा (53) और कांग्रेस (44), और छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से, सत्तारूढ़ गठबंधन के पास लगभग 169 विधायक हैं. भाजपा के पास 106 विधायक हैं, साथ ही छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है जो लगभग 114 की ताकत प्रदान कर रहा है.
महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कुछ अन्य विधायकों के गुजरात में डेरा डालने के बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पार्टी के शीर्ष नेताओं एवं विधायकों ने मंगलवार को बैठक की.शिवसेना नीत महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार को सोमवार को उस समय झटका लगा था, जब महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में उसे हार मिली थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस भी एमवीए का हिस्सा हैं. सूत्रों के अनुसार, इस हार के बाद शिंदे और शिवसेना के कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. वे गुजरात के सूरत शहर में एक होटल में डेरा डाले हुए हैं.
इस बीच, शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने मंगलवार को बैठक की, जिसमें पार्टी नेता एवं विधानसभा के सदस्य सुनील कदम, दादा भूसे एवं नीलम गोरहे, सांसद अरविंद सावंत एवं विनायक राउत, विधान परिषद की सदस्य मनीषा कायंदे और अन्य नेता मौजूद थे. इससे पहले, शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे मुंबई में नहीं हैं, लेकिन उनसे संवाद हो गया है.
राउत ने जोर देकर कहा कि शिवसेना वफादारों की पार्टी है और मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह, एमवीए सरकार को गिराने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रयास सफल नहीं होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे शिवसेना के एक भरोसेमंद नेता हैं और 'गायब' विधायकों से पार्टी का संपर्क हो जाने के बाद ये विधायक वापस आ जाएंगे.
पवार बोले- सरकार गिराने की कोशिश, ऐसा तीसरी बार हो रहा है :उधर, महाराष्ट्र में सरकार गिरने की स्थिति में विकल्पों को लेकर शरद पवार ने कहा भाजपा के साथ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. एकनाथ शिंदे से कोई बात होने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि उन्होंने किसी से बात नहीं की है. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने हमें अपनी मुख्यमंत्री पद संबंधी महत्वाकांक्षाओं के बारे में कभी नहीं बताया; मुझे यकीन है कि उद्धव ठाकरे स्थिति को संभाल लेंगे. महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के परिणामों पर शरद पवार ने कहा कि ऐसे चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती है, इसमें कोई नई बात नहीं है, हम इसका हल निकालेंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की कोशिश , ऐसा तीसरी बार हो रहा है.
जयंत पाटिल बोले, सभी विधायक संपर्क में हैं :महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता जयंत पाटिल ने कहा, 'हम जानते हैं कि एकनाथ शिंदे कुछ विधायकों के साथ सूरत में हैं. मुझे नहीं लगता कि शिव सैनिक शिवसेना प्रमुख के खिलाफ कुछ करेंगे. मुझे विश्वास है, सीएम उद्धव ठाकरे सभी विधायकों को एकजुट रखेंगे. सभी विधायक हमारे संपर्क में हैं.' राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा कि कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी.
शिंदे बोले- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक : उधर, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि 'हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं. बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है. हमने बालासाहेब के विचारों और आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं पर सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया है और न ही कभी धोखा देंगे.'
भाजपा नेता पाटिल बोले,अल्पमत में है सरकार :इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी का इस राजनीतिक घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, पाटिल ने कहा कि यदि महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे से भाजपा को राज्य में सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो वह 'यकीनन उस पर विचार करेंगे.' चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि 'कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. न ही एकनाथ शिंदे ने भाजपा को सरकार गठन का प्रस्ताव भेजा है और न ही भाजपा ने उन्हें कोई प्रस्ताव भेजा है.' पाटिल ने कहा कि 'राज्यसभा और एमएलसी चुनावों के लिए बीजेपी को निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. हमारी जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक जा चुके हैं. इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार को अल्पमत में आने में कुछ समय लगेगा.'