मुंबई : महाराष्ट्र में फडणवीस को नोटिस भेजे जाने को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. बीजेपी के विरोध के बीच गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि विपक्ष इस मामले पर राजनीति कर रहा है. उन्होंने कहा, देवेंद्र फडणवीस को अब तक 5-6 नोटिस दिए जा चुके हैं. पाटिल ने कहा कि 5 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि अब तक कुल 24 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में और भी दर्ज किए जाएंगे.
गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, देवेंद्र फडणवीस को बुलाया नहीं गया, उन्हें सवालों का एक सेट भेजा गया था, जिसका उन्हें जवाब देना था. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस की टीम फडणवीस के आवास पर गई क्योंकि उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग मामले के संबंध में उन्हें भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.
इसी बीच मुंबई स्थित बीकेसी साइबर पुलिस की टीम ने कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के घर रविवार को जाकर करीब दो घंटे तक बयान दर्ज किए. रविवार को पुलिस उपायुक्त हेमराज सिंह राजपूत के नेतृत्व में पुलिस की टीम दोपहार फडणवीस के बंगले 'सागर' पहुंची. इस टीम में सहायक पुलिस उपायुक्त नितिन जाधव और दो पुलिस निरीक्षक शामिल थे. अधिकारी ने बताया कि टीम ने फडणवीस के बंगले पर करीब दो घंटे तक उनका बयान दर्ज किया.
बता दें कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रश्मि शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) के प्रमुख पद पर रहते नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के फोन गैर कानूनी तरीके से टैप करवाए थे. गौरतलब है कि कथित रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पिछले साल बीकेसी (बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स) साइबर पुलिस थाने में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में शिकायत राज्य खुफिया विभाग ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी दर्ज होने से पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने अपनी कथित जांच रिपोर्ट में कहा था कि शुक्ला ने गोपनीय रिपोर्ट लीक की है.
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने एक पत्र का हवाला दिया था जिसे कथित तौर पर शुक्ला ने महाराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पुलिस विभाग में होने वाले तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. कथित पत्र में फोन कॉल टैप की भी जानकारी दी गई थी जिसको लेकर विवाद पैदा हुआ और शिवसेना नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने बिना अनुमति फोन टैप करवाए. इसी प्रकरण में महाराष्ट्र पुलिस ने फडणवीस का बयान दर्ज किया है.
भ्रष्टाचार मामले में फडणवीस के समर्थन में बीजेपी नेता
फडणवीस के आवास पर पुलिस टीम के पहुंचने से उनके बंगले के बाहर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई जहां पर विधायक नीतेश राणे, विधान परिषद के सदस्य(एमएलसी) प्रसाद लाड एवं प्रवीण दरेकर और पार्टी नेता कृपाशंकर सिंह सहित कई भाजपा नेता जमा हुए थे. भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा नोटिस जारी करने का पुणे, पंढरपुर (सोलापुर जिला), नागपुर, चंद्रपुर और सांगली सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध किया और फडणवीस को जारी नोटिस की प्रतियां जलाईं. भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री आशीष शेलार ने रविवार को कहा, 'उन्हें बयान दर्ज करने दीजिए. सच को कभी छिपाया या हराया नहीं जा सकता.' उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, 'फडणवीस ने इस मामले में भ्रष्टचार को उजागर किया है. यह उम्मीद की जा रही थी कि जो भ्रष्टाचार के मामले में शामिल हैं या जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनकी जांच की जाएगी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार कहीं न कहीं विरोधियों पर दबाव बनाने के हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है.' विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने भी शेलार का समर्थन किया.