मुंबई: दर्शन सोलंकी ने फरवरी के महीने में आईआईटी मुंबई में आत्महत्या की थी. उसकी मौत के बाद दर्शन के परिवार ने आरोप लगाया था कि उसने जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या की है. हालांकि आईआईटी मुंबई ने इस आरोप को खारिज करते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है. अब इस रिपोर्ट को दर्शन के परिवार ने खारिज कर दिया है. दर्शन के माता-पिता ने शुक्रवार को निदेशक सुभाषित चौधरी से मुलाकात की और आईआईटी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया.
दर्शन सोलंकी ने फरवरी के दूसरे सप्ताह में आईआईटी परिसर में आत्महत्या कर ली थी. दर्शन के परिवार के साथ-साथ कुछ छात्र संगठनों ने आरोप लगाया था कि उसने जातिगत भेदभाव से पीड़ित होने के चलते आत्महत्या की है. इससे पहले दर्शन के परिवार ने आरोप लगाया था कि इस घटना के लिए आईआईटी प्रशासन की जाति व्यवस्था और माहौल जिम्मेदार है. हालांकि, अब उन्होंने 10 दिन पहले आईआईटी की ओर से जारी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा है कि जब प्रोफेसर नंदकिशोर समिति मामले की जांच कर रही थी तब उन्होंने दर्शन के सहपाठियों से बात की थी. हालांकि, उन्होंने दर्शन की बहन साख्या से बात नहीं की थी. यह किस प्रकार का है? यहां भी जांच का तरीका असमान था. साथ ही, परिवार ने आरोप लगाया है कि जांच समिति ने जातिगत भेदभाव के किसी भी मुद्दे पर विचार नहीं किया.