रत्नागिरी: रत्नागिरी-बरसू रिफाइनरी परियोजना का विरोध करने के लिए ग्रामीण आक्रामक हो गए हैं. पिछले कुछ दिनों से इस पहल का विरोध किया जा रहा है. शुक्रवार को इस क्षेत्र में मृदा सर्वेक्षण किया जा रहा था. इस दौरान ग्रामीणों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया. इसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. रिफाइनरी सर्वे को लेकर पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़ गए हैं.
मौके पर सर्वे रुकवाने के लिए ग्रामीण बारसू पहुंचे थे. इस बार पुलिस के रोकने पर प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है. सिंधुदुर्ग जिले के सांसद विनायक राउत प्रदर्शनकारियों से मिलने बारसू जा रहे थे, तभी पुलिस प्रशासन ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया. हालांकि, सड़क पर बैठने के बाद पुलिस प्रशासन ने आखिरकार उन्हें अंदर जाने दिया. फिलहाल बारसू क्षेत्र में शांति है.
बताया जा रहा है कि यहां पुलिस ने लाठीचार्ज नहीं किया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष राजनीतिक रुख से इस परियोजना का राजनीतिकरण कर रहा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि रत्नागिरी जिले के बारसू गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना को स्थानीय लोगों की सहमति के बिना लागू नहीं किया जाएगा और उन्होंने क्षेत्र में शांति की अपील की.
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उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया कि जिस गांव में रिफाइनरी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी एकत्र हुए हैं वहां स्थिति शांतिपूर्ण है. इससे पहले दिन में, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए राजापुर तहसील के बारसू और सोलगांव गांवों में आंसू गैस का इस्तेमाल किया और शिवसेना (यूबीटी) के सांसद विनायक राउत को हिरासत में ले लिया.