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Kolhapur Riots : महाराष्ट्र में दंगे - धार्मिक अस्मिता का प्रश्न या सरकार की राजनीतिक विफलता

हाल के दिनों महाराष्ट्र के कई जिलों से धार्मिक कारणों से हिंसा की सूचनाएं आईं हैं. इन वारदातों में बड़ी संख्या में सरकारी और निजी संपत्ति की क्षति हुई है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि इन दंगों के पीछे कोई जायज कारण है या यह सरकार की विफलता है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 14, 2023, 7:06 AM IST

Updated : Jun 14, 2023, 7:40 AM IST

मुंबई:छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस समारोह 6 जून को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मनाया गया. उसी दिन, शहर के तीन लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ऐसे स्टेटस पोस्ट किए जिनमें कथित तौर पर टीपू सुल्तान और औरंगजेब का महिमामंडन किया गया था. इससे शहर में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो गया. अब इन मुद्दों को लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.

क्या फडणवीस के बयान से भड़का विवाद?' :कोल्हापुर में हुए दंगों के बारे में बोलते हुए, राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 'औरंगजेब के बच्चे' वाला बयान दिया. कथिक रूप से इसने विवाद को और अधिक बढ़ा दिया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य के कुछ जिलों में अचानक औरंगजेब के बच्चे पैदा हो गये हैं. उनकी फोटो स्टेटस लगाकर समाज में कलह पैदा करने का काम किया जा रहा है. इससे तनाव होता है. महाराष्ट्र में अचानक औरंगजेब के इतने बच्चे कहां से पैदा हो गए? हमें इसे खोजना होगा. वहीं, फडणवीस ने कहा था कि हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक यह पता नहीं चल जाता कि इस सबका मास्टरमाइंड कौन है.

'गोडसे का बच्चा कौन है?' : फडणवीस के बयान पर एमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया. ओवैसी ने अपनी शैली में जवाब देते हुए नाथूराम गोडसे और आप्टे का हवाला दिया. ओवैसी ने कहा कि गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि वह औरंगजेब के बेटे हैं. कौन किसका बच्चा है, गृह मंत्री सब जानते हैं. लेकिन फिर गोडसे का बेटा कौन है? आपटे का बच्चा कौन है? इसका भी जवाब दें, ओवैसी ने पलटवार किया.

'धार्मिक रंग देना उचित नहीं': इन बयानों को लेकर राज्य में गरमाए राजनीतिक माहौल पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि 'इस तरह के बयान देकर राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. यह बहुत गलत है. उन्होंने कहा कि सिर्फ एक मोबाइल स्टेटस को लेकर सड़क पर उतर जाना, हंगामा खड़ा कर देना, मामले को धार्मिक-सांस्कृतिक अस्मिता से जोड़ देना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों की खास तौर से जिम्मेदारी बनती है कि राज्य में ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा ना दिया जाये. उन्होंने कहा कि शांति और व्यवस्था स्थापित करना शासकों की जिम्मेदारी है. लेकिन अगर राज्य सरकार लोगों को भड़काने लगे तो यह अच्छा संकेत नहीं है.

गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस की नाकामी: शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी इस घटना पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने आरोप लगाया कि 400 साल पहले दफनाए गए औरंगजेब का इस्तेमाल राज्य में दंगे भड़काने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में भी इस प्रयोग को करने की असफल कोशिश हुई. राउत ने यह भी कहा है कि कोल्हापुर में हुए दंगे गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस की विफलता है.

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महाराष्ट्र के लिए चिंता का विषय :राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और हो रहे दंगों के बारे में बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार राजनीतिक विश्लेषक संजय मिस्किन कहते हैं कि यह महाराष्ट्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र प्रगतिशील विचारों, मानवता और सभी धर्मों के समावेश का स्थान रहा है. महाराष्ट्र में धार्मिक उन्माद की ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं देखी गई. इस स्तर पर जाति और धर्म का कभी राजनीतिकरण नहीं हुआ था. इस बात को कभी लोगों का समर्थन नहीं मिला. इन दंगों का सबसे ज्यादा असर युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है. इसलिए जरूरी है कि सभी राजनीतिक दल धार्मिक राजनीति को बंद करें. नहीं तो आने वाले भविष्य के लिए महाराष्ट्र के लिए ये दंगे चिंता का विषय होंगे.

Last Updated : Jun 14, 2023, 7:40 AM IST

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