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महाराष्ट्र के मंत्री की धमकी 'गोवा की एक बोतल शराब पर भी मकोका'... छिड़ा विवाद

महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई के एक बयान ने सियासी रूप ले लिया. दरअसल देसाई ने गोवा से शराब की तस्करी रोकने को लेकर कहा कि ऐसे लोगों पर मकोका के तहत कार्रवाई हो सकती है.

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Published : Oct 4, 2022, 5:51 PM IST

Shambhuraj Desai
आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई

मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री की गोवा से शराब की एक बोतल लाने पर भी खतरनाक मकोका लगाने की धमकी ने मंगलवार को सियासी रूप ले लिया (MCOCA even on bottle of Goa liquor). 'जबरन वसूली शैली' का आरोप लगाकर विपक्षी दलों ने एक साथ हंगामा शुरू कर दिया है.

आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई (Shambhuraj Desai) का 'फरमान'- गोवा से महाराष्ट्र तक सस्ते भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) ब्रांडों में तस्करी के बढ़ते खतरे को रोकने के इरादे से ये फैसला लेने का निर्णय लिया है. गोवा राज्य में शराब की कीमत महाराष्ट्र से कम है, जिसके चलते महाराष्ट्र से जो सैलानी गोवा जाते हैं, वो अपने साथ शराब की बोतल लेकर आते हैं.

देसाई ने गोवा की सीमा से सटे महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर दोनों सीमावर्ती जिलों को तस्करों के खिलाफ रणनीति बनाने और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम लागू करने का आदेश दिया है. जो आमतौर पर गैंगस्टरों के खिलाफ या गंभीर अपराधों के लिए लगाया जाता है. वैसे देखा जाए तो सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर से ही बड़े पैमाने पर लोग सड़क के जरिए अपनी गाड़ी के माध्यम से साथ शराब लेकर आते है. इसलिए,अब इन दो जिलों में नाकाबंदी करने और फ्लाइंग स्क्वाड के माध्यम से रेड के भी आदेश दिए गए हैं. शुरुआत के लिए, राज्य के आबकारी अधिकारी दो तटीय राज्यों के बीच प्रवेश-निकास बिंदुओं पर मोबाइल चेक-पोस्ट तैनात करेंगे.

कांग्रेस ने उठाए सवाल :इस फैसले की आलोचना करते हुए, कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने पूछा कि, क्या ये शिंदे-फडणवीस की सरकार उत्तर प्रदेश मॉडल, महाराष्ट्र मे लागू करना चाहती हैं? मकोका छोड़कर कोई और दूसरा कानून नहीं हैं, जिसके तहत कार्रवाई की जा सके? शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंडे ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सिर्फ एक बोतल शराब मिलने पर सरकार मकोका का थप्पड़ मारेगी, लेकिन गोवा के एक विधायक को लाने पर '50 खोखा' (50 करोड़ रुपये) का इनाम मिलेगा.

एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा, यह जानकर अच्छा लगा कि महाराष्ट्र के मंत्री आखिरकार कुछ गंभीर काम कर रहे हैं. क्रेस्टो ने चेतावनी दी, तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई ठीक है, लेकिन यह आम लोगों के जबरन वसूली या उत्पीड़न का एक साधन नहीं बनना चाहिए.

शिवसेना के उप नेता रघुनाथ कुचिक ने यह जानने की मांग की कि, केवल गोवा से शराब को क्यों निशाना बनाया जा रहा है. केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के बारे में क्या?- महाराष्ट्र और गुजरात के बीच सैंडविच.

मुंबई में रहने वाले गोअन अल्बर्ट कॉटिन्हो ने कहा कि, वह हर दूसरे महीने अपने गृह राज्य जाते हैं और विशेष रूप से खुशी के अवसरों के दौरान घरेलू इस्तेमाल के लिए शराब की कुछ बोतलें लाते हैं. इस नए नियम के साथ, हम जैसे सामान्य लोग स्वतंत्रत नहीं हैं या हम अंतत: संगठित अपराधियों के रूप में ब्रांडेड हो सकते हैं .. हमें अपनी आपूर्ति स्थानीय रूप से पूरी करनी होगी.

कायंडे और कुचिक दोनों को आश्चर्य है कि, क्या यह सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी द्वारा निर्धारित 'एक लक्ष्य' है, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर. 'खोखा' (पैसा) 'वसूली' करने के लिए जो उन्होंने कथित तौर पर जून में महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए खर्च किया था. कायंडे को लगता है कि इस कदम से राज्य में पर्यटन प्रभावित हो सकता है, कुचिक ने देसाई पर मकोका कानूनों की जानकारी की कमी का आरोप लगाया और मंत्री को कानून की एक प्रति उपहार में देने की पेशकश की.

मुंबई में शराब विक्रेताओं ने कहा कि, महाराष्ट्र में विभिन्न आईएमएफएल ब्रांडों की कीमतें गोवा या केंद्रशासित प्रदेशों की तुलना में बहुत अधिक हैं, यह अंतर 250-300 प्रतिशत तक है, जो उत्पाद शुल्क और स्थानीय करों के कारण है. मुंबई में बार चलाने वाले कुमार ए शेट्टी ने कहा- उदाहरण के लिए, अगर महाराष्ट्र में आईएमएफएल की एक छोटी बोतल की कीमत 300 रुपये है, तो इसे गोवा और केंद्र शासित प्रदेशों में मुश्किल से 100 रुपये में खरीदा जा सकता है, जिससे यह पीने वालों या तस्करों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन जाता है.

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इस तर्क का उल्लेख करते हुए कि गोवा की शराब की दुकानें खरीदारों को शराब का लाइसेंस प्रदान करती हैं, शेट्टी ने बताया कि यह महाराष्ट्र में मान्य नहीं है, इसलिए आस-पास के राज्य से किसी भी प्रकार के मादक पेय के साथ पाया जाने वाला कोई भी व्यक्ति अब एक बड़े जोखिम में पड़ सकता है, यानी उस पर बड़ी कार्रवाई होने वाली है.

(आईएएनएस)

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