मुंबई: केंद्रीय जांच एजेंसियां महाराष्ट्र के नेताओं पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. खासकर, महाविकास अघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadh) के कई नेताओं को ईडी (ED) ने तलब किया है. साथ ही कई और नेता अभी भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. इस रिपोर्ट में आइए जानते हैं कि किन नेताओं पर क्या आरोप हैं और अब तक क्या कार्रवाई हुई है...
पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कथित वसूली के आरोप में अब तक तीन बार पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया जा चुका है. हालांकि, वह अभी तक ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं. इससे पहले ईडी की ओर से जारी दो समन के दौरान पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विभिन्न कारणों से जांच टालने की कोशिश की थी. हालांकि, 16 जुलाई को ईडी की टीम ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की 4 करोड़ 20 लाख रुपये की अचल संपत्ति जब्त कर ली थी. इनमें वर्ली और रायगढ़ जिले के उरण इलाके में स्थित जमीन शामिल है.
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुंबई में होटल मालिकों से 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली करने के लिए कहा गया था. ये आरोप परमबीर सिंह ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में लगाया था. इस आरोप के बाद हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी.
इसी आधार पर ईडी ने दो जुलाई को पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर पर छापा मारा था. गृह मंत्री रहते हुए उनके मुंबई और नागपुर के सरकारी आवासों पर छापे मारे गए. ईडी ने अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख को भी पूछताछ के लिए कार्यालय में पेश होने के लिए तलब किया है. सीबीआई ने अनिल देशमुख से 100 करोड़ रुपये के आरोपों को लेकर भी पूछताछ की थी.
ईडी ने भूमि हेराफेरी मामले में एकनाथ खडसे से 9 घंटे तक की पूछताछ
भाजपा से राकांपा में शामिल हुए एकनाथ खडसे को भी ईडी ने तलब किया है. इसी के तहत ईडी ने एकनाथ खडसे से आठ जुलाई को ईडी कार्यालय में नौ घंटे तक पूछताछ की. एकनाथ खडसे ने कहा था कि वह भोसरी जमीन खरीद मामले में ईडी की जांच में पूरा सहयोग करेंगे. पूछताछ के दौरान एकनाथ खडसे ने ईडी के सामने सभी जरूरी दस्तावेज पेश किए. साथ ही ईडी के अधिकारियों ने कुछ और दस्तावेज भी मांगे जिनको जमा करने के लिए एकनाथ खडसे ने दस दिन की मोहलत मांगी थी.
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ईडी ने अजित पवार के रिश्तेदारों के खिलाफ की कार्रवाई
सतारा स्थित जरांदेश्वर चीनी मिल में कथित घोटाले के सिलसिले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के चाचा राजेंद्र कुमार घाडगे के खिलाफ एक जुलाई को कार्रवाई की गई है. राजेंद्र कुमार घाडगे जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री के मालिक हैं. फैक्ट्री को अब ईडी ने जब्त कर लिया गया है. उन पर जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री के नाम से कर्ज लेकर वापस नहीं करने का आरोप है. राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले की जांच ईडी कर रही है.
इस कार्रवाई को उपमुख्यमंत्री अजित पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. प्रारंभ में, कारखाना सहकारी था. हालांकि, बाद में वित्तीय कारणों से कारखाने को बेच दिया गया और कारखाने का निजीकरण कर दिया गया. आरोप है कि स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में करीब 25,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. आरोप है कि कई चीनी मिलों के मालिकों ने कर्ज लिया और बाद में वापस नहीं किया.