मुंबई: केंद्र द्वारा टाटा-एअरबस सी-295 परिवहन विमान परियोजना गुजरात में स्थापित करने की घोषणा के बाद विपक्ष ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए पूछा कि यह परियोजना पड़ोसी राज्य में क्यों गयी जबकि इसे महाराष्ट्र में स्थापित किया जाना था. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को शिंदे सरकार पर राज्य की प्रगति को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया और 'राज्य के हितों की रक्षा करने में नाकाम' रहने के लिए उसकी आलोचना की.
राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने दावा किया कि शिंदे-भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस परियोजनाओं को स्थानांतरित करने की कोशिश की है ताकि आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित की जा सके. बहरहाल, भाजपा ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने प्रस्तावित परियोजना पर आगे बढ़ने के लिए कुछ नहीं किया था.
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रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यूरोपीय कंपनी एयरबस और भारतीय समूह टाटा का एक कंसोर्टियम (संघ) गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमान का निर्माण करेगा. इस परियोजना के तहत पहली बार निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान का निर्माण भारत में किया जाना है. परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है. विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.
इस साल सितंबर में मुख्यमंत्री शिंदे के वफादार उदय सामंत ने कहा था कि टाटा-एअरबस विमान विनिर्माण परियोजना महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में नागपुर के समीप स्थापित की जाएगी. गौरतलब है कि पिछले महीने वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी फॉक्सकॉन की संयुक्त सेमीकंडक्टर परियोजना गुजरात में स्थापित करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. पहले यह परियोजना पुणे शहर के समीप स्थापित की जानी थी.