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रातों रात मछुआरे की बदली किस्मत, 157 'सी गोल्ड' बेचकर बना करोड़पति - maharashtra fisherman became millionaire

महाराष्ट्र के पालघर का मछुआरा चंद्रकांत 28 अगस्त बेटे के साथ अरब सागर में मछली पकड़ने गया था. इस दौरान उसकी जाल में एक-दो नहीं, बल्कि कुल 157 घोल मछली फंस गई. इन मछलियों को चंद्रकांत और उसका बेटा सोमनाथ तरे ने कुल 1.33 करोड़ में बेचा.

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Published : Sep 1, 2021, 5:17 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 7:47 PM IST

हैदराबाद : यह बात सच कही गई है कि भगवान जिसे देता है छप्पर फाड़ के देता है. यह कहावत सच साबित हुई है महाराष्ट्र के एक मछुआरे पर. पालघर के चंद्रकांत नाम के मछुआरे को जो लॉटरी लगी है उसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता. चंद्रकांत मछली बेचकर रातोंरात करोड़पति बन गया है.

जानकारी के अनुसार चंद्रकांत 28 अगस्त को अरब सागर में मछली पकड़ने गया था. इस दौरान उसकी जाल में एक-दो नहीं, बल्कि कुल 157 घोल मछली फंस गई. इन मछलियों को चंद्रकांत और उसका बेटा सोमनाथ तरे ने कुल 1.33 करोड़ में बेचा. मतलब एक मछली करीब 85 हजार रुपये में बिकी.

रातों रात मछुआरे की बदली किस्मत

यूपी और बिहार के व्यापारियों ने खरीदा मछली

इन मछलियों को यूपी और बिहार से आए व्यापारी ने खरीदा है. मछलियों का ऑक्शन पालघर के मुर्बे में हुआ. समुद्र में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाने से यह मछलियां किनारे नहीं मिलती है. इन मछलियों के लिए मछुआरों को समुद्र के बेहद अंदर तक जाना होता है.

बता दें कि घोल मछली की कीमत बाजार में काफी ज्यादा है. मछुआरों को जो घोल मछलियां मिलीं उसे सी गोल्ड भी कहते हैं. क्योंकि इन मछलियों की कीमत सोने से कम नहीं है.

दवाइयों और कॉस्मेटिक्स में होता है 'सी गोल्ड' का इस्तेमाल

घोल मछली का वैज्ञानिक नाम 'Protonibea Diacanthus' है. इसका इस्तेमाल दवाइयां और कॉस्मेटिक्स बनाने में होता है. थाईलैंड, इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर जैसे देशों में इसकी बहुत मांग है. सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाले धागे, जो अपने आप गल जाते हैं, वे भी इसी मछली से बनाए जाते हैं.

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Last Updated : Sep 2, 2021, 7:47 PM IST

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