मुंबई :महाराष्ट्र भाजपा ने मुंबई के स्थानीय निकाय चुनावों में ओबसी आरक्षण रद्द किए जाने के विरोध में शनिवार को राज्यभर में प्रदर्शन किया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आह्वान पर भाजपा कार्यकर्ताओं ठाणे, मुंबई, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद, सोलापुर समेत राज्य के कई स्थानों में चक्का जाम किया.
नागपुर में ओबीसी आरक्षण के समर्थन में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को नागपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
वहीं, मुंबई में ओबीसी आरक्षण के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कई भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई. इसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
भाजपा की तरफ से जारी प्रदर्शन को देखते महाराष्ट्र के कई शहरों में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है.
भाजपा के इस प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एलान किया है कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ जल्द राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, अगर राज्य सरकार प्रस्तावित पांच जिलों में परिषद और पंचायत समिति के चुनाव आगे बढ़ती है फिर भाजपा हर सीट पर केवल OBC उम्मीदवार मैदान में उतारेगी.
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पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा था कि, राज्य सरकार को एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना चाहिए और OBC आरक्षण के लिए डाटा जमा करना चाहिए. यदि सरकार को हमारी मदद की जरूरत है. हम पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
मुंडे ने आरोप लगाया कि जब ओबीसी आरक्षण संबंधी मामला अदालत में लंबित था, तब राज्य सरकार सहकारी क्षेत्र में चुनाव सहित विभिन्न चुनावों को टालती रही और अदालत ने जब आरक्षण समाप्त कर दिया, उसे बाद ही चुनावों की घोषणा की गई. उन्होंने कहा हम मांग कर रहे है. कि ओबीसी आरक्षण बहाल किया जाए और तब तक कोई चुनाव नहीं होना चाहिए.पुणे में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि यदि भाजपा की मांग पूरी नहीं होती है. तो पार्टी भविष्य में और बड़े प्रदर्शन करेगी.
भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन और विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने इस मामले को लेकर मुंबई में राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.भाजपा-शिवसेना सरकार ने 2019 में स्थानीय निकायों में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण दिया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने कहा कि महाराष्ट्र में संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी के लिए आरक्षित कुल सीटों का 50 फीसदी से अधिक नहीं दिया जा सकता.
शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 के भाग 12 (2)(सी) की व्याख्या करते हुए ओबीसी के लिए संबंधित स्थानीय निकायों में सीटों का आरक्षण प्रदान करने की सीमा से संबंधित राज्य चुनाव आयोग द्वारा वर्ष 2018 और 2020 में जारी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया.
भाजपा का आरोप है कि एमवीए सरकार की निष्क्रियता के कारण रद्द हुआ आरक्षण.
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने धुले, नंदुरबार, वाशिम, अकोला और नागपुर जिलों में उपचुनावों की घोषणा की है.जिला परिषद की 85 सीटें और 144 पंचायत समिति सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं. भाजपा ने शुक्रवार को मांग की कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का तत्काल रूख करे पांच जिलों में जिला परिषद उपचुनाव स्थगित करने का अनुरोध करे.