मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा मंडल भवन बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक शिवसेना के बागी गुट और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की और गाली-गलौज के अभूतपूर्व नजारे का साक्षी बना. एमवीए सदस्यों ने जब शिंदे गुट को 'गद्दार' कहा और '50 खोके' (50 करोड़ रुपये) कहकर चिढ़ाया तो शिंदे समर्थक विधायकों ने पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की. मानसून सत्र के चौथे दिन शिंदे गुट के कुछ विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे एमवीए विधायकों को घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई.
शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल मितकारी ने एक-दूसरे पर धावा बोल दिया. दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई. शिंदे गुट के विधायकों ने भी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए सदन के बाहर जाकर हंगामा किया. शिंदे समूह के विधायकों ने भी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के आरोपों का विरोध करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए पलटवार किया, जिससे सदन के बाहर शोर-शराबा हुआ.
इससे एक दिन पहले शिंदे ने विपक्ष को चेतावनी दी थी कि वह उन लोगों के रिकॉर्ड को उजागर कर सकते हैं, जो उन्हें और उनके शिवसेना के बागी विधायकों के समूह को निशाना बना रहे हैं. इस पर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम के बयानों से विपक्ष को ठेस पहुंचा है. विपक्ष ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित शिंदे सरकार को 'गद्दार', '50 करोड़ रुपये, बहुत ठीक', 'तव वटी, चाओ गुवाहाटी' (कटोरा लो, गुवाहाटी जाओ) और 'ईडी जिसकी मम्मी, वो सरकार निकम्मी' जैसे नारों के साथ परेशान किया.