मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 15 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर 20 आवेदन मिल चुके हैं. विधानसभा में प्रदेश के विभिन्न दलों के कई दिग्गज विधायक हैं. क्या इसका दबाव आएगा? पूछने पर राहुल नार्वेकर ने कहा, 'मुझ पर दबाव बनाने का कोई सवाल ही नहीं है. मैं अपने अधिकार क्षेत्र में काम करूंगा. मैं प्रयास करूंगा कि सभी को न्याय मिले. इसलिए, चाहे कोई भी हो कोई दबाव नहीं होगा.'
क्या आपको नहीं लगता कि राज्यपाल ने पक्षपात किया? इस सवाल पर नार्वेकर ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता. राज्यपाल को अपने संवैधानिक अधिकार हैं. उन्हें ठीक-ठीक पता है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कब कराना है. पूर्व में महाविकास अघाड़ी सरकार में आम सहमति नहीं थी. इसलिए उन्होंने चुनाव की तारीख नहीं बताई. हालाकि, अब जब नई सरकार बन गई है, तो राज्यपाल को चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा. राहुल नार्वेकर ने कहा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
ऐसा कहा जाता है कि जब तक शिवसेना के खिलाफ बगावत करने वाले शिंदे गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय नहीं हो जाता, तब तक उनकी विधायक स्थिति बरकरार नहीं रहेगी. इस बारे में पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा कि शिंदे धड़े के पास दो तिहाई बहुमत है. उन्होंने कहा है कि वह अभी भी पार्टी में हैं. वह शिवसेना में हैं. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता है. शिंदे गुट को मंजूरी दी गई है क्योंकि उनके पास बहुमत है.