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महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के निलंबन को 12 भाजपा विधायकों ने न्यायालय में दी चुनौती - Maha BJP MLA suspension

महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 12 विधायकों ने पीठासीन अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार के लिए राज्य विधानसभा से एक साल के अपने निलंबन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

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Published : Jul 22, 2021, 5:28 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 6:54 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा में आपत्तिजनक व्यवहार करने को लेकर निलंबन का सामना कर रहे भाजपा के 12 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. विधायकों ने पीठासीन अधिकारी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

गुरुवार को इन 12 विधायकों को पांच जुलाई को राज्य सरकार द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ 'दुर्व्यवहार' करने के आरोप में एक साल के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने इन विधायकों की ओर से शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है और उन्होंने इन विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने के विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को चुनौती दी है.

निलंबित किए गए 12 सदस्य संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया हैं. इन विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने पेश किया और ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

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फडणवीस ने कहा था, 'यह एक झूठा आरोप है और विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम करने का प्रयास है क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है.' साथ ही कहा था कि भाजपा सदस्यों ने पीठासीन अधिकारियों से दुर्व्यवहार नहीं किया.

हालांकि, जाधव ने इस आरोप की जांच कराने की मांग की थी कि शिवसेना के कुछ सदस्यों और उन्होंने खुद अभद्र टिप्पणी की थी और कहा था कि अगर यह साबित होता है तो वह किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 22, 2021, 6:54 PM IST

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