नई दिल्ली :कांग्रेस ने मंगलवार को विश्वास जताया कि महा विकास अघाड़ी INDIA गठबंधन के भीतर बरकरार रहेगी और मतभेदों के बावजूद आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे का फॉर्मूला तैयार करेगी. गठबंधन के भीतर राजनीति से संबंधित धारणाएं भिन्न होती हैं और जब तीन दल एक समूह का हिस्सा होते हैं तो यह बहुत स्वाभाविक है. इस संबंध में महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव आशीष दुआ ने कहा कि महा विकास अघाड़ी 2019 से एक साथ है और लोकसभा सीट-बंटवारे पर किसी भी मतभेद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाएगा. क्योंकि हम भाजपा को हराने के लिए एक हैं.
कांग्रेस नेता की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब कांग्रेस का राष्ट्रीय गठबंधन पैनल राष्ट्रीय राजधानी में शिव सेना यूबीटी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा और चर्चा करेगा कि महाराष्ट्र की कुल 48 संसदीय सीटों में से किसे कितनी सीटें मिलेंगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, 2019 और 2014 के लोकसभा चुनावों के बीच राजनीतिक समीकरणों में बदलाव का हवाला देते हुए कांग्रेस द्वारा कुछ कठिन सौदेबाजी की उम्मीद है. हालांकि 2019 में कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर राष्ट्रीय चुनाव लड़ा. इसमें समझौते के तहत कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल एक सीट जीत सकी. जबकि एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन केवल 4 सीटें जीत सकी. एनसीपी ने अपने कोटे से कुछ सीटें क्षेत्रकारी संगठन और अन्य जैसे छोटे दलों के लिए छोड़ी थीं. तब शिवसेना बीजेपी की सहयोगी थी. समझौते के अनुसार, भाजपा ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 सीटें जीती थीं, जबकि सेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 सीटें जीती थीं.
राष्ट्रीय चुनावों के तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर गंभीर मतभेद पैदा हो गए. नतीजतन, शिवसेना ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया और सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाया. शिवसेना के उद्धव ठाकरे नए गठबंधन के मुख्यमंत्री बने, जिसे महा विकास अघाड़ी नाम दिया गया.